बिहार राजनीति गोपालपुर विधानसभा के विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने कहा वह एक-दो नहीं कई बार चुनाव खुद जीतते आ रहे हैं। कई और नेताओं को भी जीत दिलाने का काम किया। इसका उन्‍हें पुरस्‍कार मिलना चाहिए। उन्‍हें भी मंत्री बनाया जाना चाहिए।

भागलपुर। बिहार राजनीति: गोपालपुर के जदयू विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल को मंत्री पद नहीं मिलने की काफी कसक है। हालांकि उनके नेता ने उन्हें सचेतक का पद दे उन्हें खुश कर वापस कर दिया है। मंत्री पद नहीं मिलने की बाबत कुरेदने पर विधायक गोपाल मंडल की पीड़ा बुधवार की रात बाहर आ ही गई। बेलगाम बोल के लिए चर्चित रहे गोपाल मंडल तमाम पीड़ा के बावजूद संभल कर शब्द चबाते हुए कहा कि देखिए, हम पटना गए थे अपने नेता नीतीश बाबू से मंत्री पद मांगने। सब उन्हें बुके अर देकर मिल रहे थे। हम किनारे में अकेले खड़े थे कि जब हमारे नेता एकांत होंगे तब मिल लेंगे। हमारे नेता की नजर हम पर पड़ गई।

उन्होंने पूछा कि क्या हाल है गोपाल जी… हमने प्रणाम-पाती कर उन्हें कहा कि हमें मंत्रीमंडल में शामिल करतें तो कृपा होती। हम पिछड़े-अति पिछड़े, गरीब-गुरबों, स्वर्णों की आवाज उठाते हैं। चुनाव में अन्य प्रत्याशियों को भी जीत दिलाने में मददगार होते हैं। हमारा भी हक बनता है। हमारे नेता ने सब बात ध्यान से सुनी, कंधे पर हाथ भी रखकर ऐसा समझाया कि हम वापस लौट गए। हम ललन बाबू के पास भी मिलने गए। हमें सचेतक बना हमारे नेता ने हमारा मान तो बढ़ाया लेकिन मंत्री बनाते तो इलाके के लिए ज्यादा काम करते। लोगों को भी आशा रहती है कि एक बार गोपाल मंडल मंत्री बनेगा तो इलाके में बड़ी-बड़ी योजना लाएगा।

विधायक ने कहा कि खैर कोई बात नहीं हम हिम्मत नहीं हारे हैं। पहले वाले बहत मंत्रियों को यथावत ही रखा गया है। ज्यादा छेड़छाड़ नहीं की गई है। जातिगत समीकरण में अन्य विधायकों को मंत्री बनने का मौका दे दिया गया। कुछ नेता पटना में बुदबुदा रहे थे कि अचानक उपेंद्र कुशवाहा रूठ कर दिल्ली चले गए। उन्हें मौका मिलता तो अच्छा रहता। विधायक मंडल ने कहा कि वह बड़े नेता हैं। केंद्र में मंत्री रह चुके हैं, यहां मंत्री बनने की चाहत उनमें नहीं रही होगी। हम तो गंगापुत्र हैं, जाह्नु ऋिष के संतान। हमारा हक आज नहीं तो कल मिलनी ही चाहिए।

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