भागलपुर में 22 साल बाद अब पॉलीथिन बिल की खोजबीन जिला प्रशासन ने शुरू की है. इसके लिए डीएम ने निर्देश भी दिए हैं. कोषागार द्वारा इसकी जांच की जा रही है. वहीं, वैसी राशि जिसका व्यय अब नहीं किया जा सकता है, उसे संबंधित बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक को वापस किया जायेगा.

भागलपुर: जिला प्रशासन पुराने मामले को लेकर एक्शन में दिख रहा है. कोषागार के द्वारा व्यय की जांच की जा रही है. जिले में वर्ष 2000 में जिले में पॉलीथिन की खरीद के लिए 18 लाख 51 हजार 200 रुपये अग्रिम के रूप में मिला था. 22 साल बाद अब उसके बिल की खोजबीन जिला प्रशासन ने शुरू की है. डीएम ने जिला नजारत शाखा के प्रभारी पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि जिला आपदा प्रबंधन शाखा के वरीय उप समाहर्ता से समन्वय स्थापित कर वर्ष 2000 में पोलिथिन क्रय के लिए लंबित अग्रिम 1851200 रुपये के संदर्भ में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी द्वारा समर्पित बिल की खोजबीन करें और राशि के समायोजन के लिए नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करें.

अपडेट करने का निर्देश दिया गया

बताया जा रहा है कि गत पांच अगस्त को हुई नजारत की समीक्षा में यह पाया गया कि जिला नजारत शाखा का रोकड पंजी 30.06.2022 तक ही अपडेट है. जिला नजारत शाखा के वरीय उप समाहर्ता को इसे अपडेट करने का निर्देश दिया गया है. अंचलस्तरीय अभिलेखागार आधुनिकीकरण मद में केंद्रांश के तीन चरणों में कुल 1,42,70,000 रुपये प्राप्त हुआ था. इसके विरुद्ध 132,67,399 रुपये का व्यय किया गया है.

परीक्षा से संबंधित राशि की हो रही जांच

इस बाबत अपर समाहर्ता अपने स्तर से सभी अंचलों से इस योजना के तहत मिली सामग्रियों की उपलब्धता रिपोर्ट प्राप्त करेंगे. परीक्षा से संबंधित राशि की जांच हो रही है. वर्तमान में विभिन्न परीक्षाओं से संबंधित लगभग 2,34,94,467 रुपये उपलब्ध है. कोषागार द्वारा इसकी जांच की जा रही है. वैसी राशि जिसका व्यय अब नहीं किया जा सकता है, उसे संबंधित बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक को वापस किया जायेगा

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