नीतीश कुमार कैबिनेट का विस्तार मंगलवार को हो रहा है। जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे।

बिहार में सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार में नए मंत्रियों के शपथग्रहण में जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा शामिल नहीं होंगे। पहले कुशवाहा का नाम मंत्री पद की रेस में चल रहा था। मगर बाद में मंत्रिमंडल विस्तार से उनका नाम काट दिया गया। इसके बाद वे पटना से दिल्ली चले गए। अभी वे राष्ट्रीय राजधानी में ही हैं और पटना में मंगलवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे।

जब नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन से हाथ मिलाता, तब से ही कयास लगाए जा रहे थे कि नए मंत्रिपरिषद में उपेंद्र कुशवाहा को भी जगह मिलेगी। कुशवाहा को भी लग रहा था कि इस बार उनका मंत्री बनना तय है। मगर एकदम से आलाकमान ने उनका नाम लिस्ट से बाहर कर दिया। बताया जा रहा है कि नाम कटने से उपेंद्र कुशवाहा नाराज हैं और इसलिए वे दिल्ली चले गए हैं।

क्यों कटा उपेंद्र कुशवाहा का नाम?

सूत्रों की मानें तो 12 अगस्त को पटना के मौर्या होटल में जेडीयू के कुशवाहा नेताओं की बैठक हुई थी। इसमें जाति के कई नेताओं ने उपेंद्र को मंत्री न बनाने की बात कही गई। इस बैठक में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा और कई विधायक-सांसद शामिल हुए थे। 

दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा को लेकर पार्टी के भीतर भारी नाराजगी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी पार्टी रालोसपा का जेडीयू में विलय कराकर उन्हें संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था। उपेंद्र के जेडीयू में बढ़ते कद से पार्टी में कुशवाहा जाति के नेता नाराज हैं। फिलहाल उपेंद्र को संगठन में ही काम करने की सलाह दी गई है।

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