बिहार के सृजन घोटाले की मुख्य आरोपित मनोरमा देवी के पुत्र अमित कुमार व बहू रजनी प्रिया का पता अभी तक सीबीआइ को नहीं चल सका. दोनों को खोजने में सीबीआइ फिर एकबार जुटने जा रही है.

बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले के दो ऐसे अभियुक्त हैं जिसके बारे में पूरे भागलपुर में एक ही चर्चा होती रहती है कि आखिर इन दोनों को जमीन निंगल गया या आसमान खा गया. दोनों घोटाले के खुलासे के बाद से ही फरार चल रहे हैं. ये दो अभियुक्त हैं सृजन घोटाले की मुख्य आरोपी मनोरमा देवी के पुत्र अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया. दोनों को खोजने के प्रयास में सीबीआई एकबार फिर लगेगी.

मनोरमा देवी के पुत्र और बहू

भागलपुर के एनजीओ सृजन महिला विकास सहयोग समिति की पूर्व सचिव व मुख्य आरोपित मनोरमा देवी की मौत हो चुकी है. लेकिन उनके पुत्र अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया इस घोटाले में दो दर्जन से अधिक मामलों में अभियुक्त हैं.

लुकआउट वारंट तक जारी

अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया शुरू से ही फरार चल रहे हैं. इतने साल बीत गये लेकिन सीबीआइ को भी अभी तक ये पता नहीं चल सका कि दोनों आखिर कहां हैं. यहां तक की दोनों पर लुकआउट वारंट तक जारी कर दिया गया लेकिन फिर भी अभी सीबीआइ के हाथ खाली ही हैं.

सीबीआइ के हाथ खाली

सीबीआई ना तो दोनों का ठिकाना ढूंढ सकी है और ना ही दोनों को मृत साबित कर सकी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दोनों को ढूंढने के प्रयास में सीबीआइ एकबार फिर से जुट गयी है. दअरसल, सीबीआइ को हाइकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट देना है. जिससे अब एजेंसी की परेशानी बढ़ गयी है. इसमें दोनों की स्थिति का भी जिक्र किया जाएगा. जानकारी के अनुसार, सीबीआई अमित व रजनी के कुछ रिश्तेदारों से पूछताछ कर सकती है.

2017 में सृजन घोटाले का खुलासा

बता दें कि वर्ष 2017 में सृजन घोटाले का खुलासा हुआ था. घोटालेबाजों ने विभिन्न सरकारी विभागों के बैंक खाते से जालसाजी के तहत करोड़ों की राशि की हेराफेरी की. इस पैसे से घोटालेबाजों ने देश के विभिन्न शहरों समेत भागलपुर में जमीन, फ्लैट आदि की खरीदारी की. इन आरोपों की जांच सीबीआइ और इडी कर रही है.

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