गणेशदत्त नगर में रहने रहने वाले हार्डवेयर कारोबारी चन्द्रमणि ललन की पुत्री श्रेया कुमारी उर्फ खुशी उम्र महज 15 साल सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद से अपने नाना के घर तुर्की कफेन से गायब है. पुलिस लड़की की तलाश कर रही है. बता दें कि सीबीएसई की 10वीं परीक्षा का रिजल्ट आया और वह 23 जुलाई को तुर्की कफेन स्थित अपने नाना के घर से अचानक गायब हो गई.

श्रेया चार दिन पहले अपने माता पिता के साथ नाना के घर आई हुई थी. माता पिता तो अपने घर लौट गए पर बेटी ने कहा वह श्रावणी मेला देखने के बाद घर आ जाएगी. इसी बीच शुक्रवार को CBSE का रिजल्ट आया. रिजल्ट आने के बाद जहां बहुत से बच्चे और उनके परिजन खुश हो रहे थे. वहीं श्रेया अपना रिजल्ट देख कर बहुत दुखी थी; क्योंकि उसके उम्मीद से बहुत कम नंबर आए थे.

श्रेया को लग रहा था कि उसके 90 प्रतिशत नंबर आएंगे, लेकिन महज 59 प्रतिशत ही आए, जिसके चलते वो काफी गुमसुम हो गई. उसके मन में क्या चल रहा है किसी को नहीं पता था. कोई नहीं सोच सकता था कि एक लड़की जो सीधी-सादी पढ़ने में अच्छी है. पर क्या मन की इतनी कमजोर है कि वह कम नंबर आने पर अपने जीवन को खत्म कर लेगी. अपने परिवार और अपनों को छोड़ कर चली जाएगी.

23 जुलाई दिन शनिवार सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा का रिजल्ट आने के ठीक अगले दिन श्रेया अपने साथ एक बेग, पानी की बोतल और मुंह में कपड़ा बांध कर घर से बाहर निकल गई और लौट कर नहीं आई. रात के साढ़े तीन बजे जब उसके नाना शिवशंकर चौधरी ने कमरे में श्रेया को नहीं देखा तो उनकी बैचेनी बड़ गई. उन्होने उसके माता पिता को कॉल करके अपने घर बुला लिया. दोनों परिवार के लोग श्रेया की तलाश में जुट गए.

कुछ समय बाद जब वह परिजनों को नहीं मिली तो उसे घर और आसपास सभी जगह खोजा गया. घरवालो को श्रेया तो नहीं मिली पर उसके कमरे से एक सुसाइड नोट मिला जिसे पढ़ कर सबके होश उड़ गए. सभी रोने लगे. ” सुसाइड नोट में लिखा था “पापा-मम्मी मुझे मॉफ कर देना, अब मुझे इस दुनिया से जाना होगा. बहुत जी ली मैंने ये जिंदगी, ऐसे में मुझे अब और जीने की हिम्मत नहीं है. आप लोग बहुत याद आएंगे. उम्मीद करती हूं अगले जन्म में भी आप ही लोग मुझे मिलेंगे. मेहरबानी करके आप लोग मेरी लाश को खोजने की कोशिश मत कीजिएगा क्योंकि वह नहीं मिलेगी, मै खुद को गंगा के किनारे मरने जा रही हूं.”

बेटी के घर छोड़ कर जाने के बाद परिजनों का बुरा हाल है. छात्रा की एक बड़ी बहन ने वीडियो जारी किया है जिसमे वह लोगों से उसको ढूंढने की अपील कर रही हैं. वहीं छात्रा श्रेया की मां कुमारी नीलमणि ने बेटी के अचानक गायब होने से बदहवास हो गई हैं. अपनी बेटी से घर वापस लौट आने की बार-बार अपील कर रही हैं. उसके पापा का कहना है कि तुम्हारे बिना हम अकेले पड़ गए हैं. तुम जहां भी हो वापस आ जाओ. मामा, मम्मी, पापा सभी का रो रो कर बुरा हाल है.विज्ञापन

श्रेया के सुसाइड नोट के बाद परिजनों ने उसके लापता होने की सूचना तुर्की ओपी थाने में दी. पुलिस ने तत्काल लड़की को खोज शुरू कर दी. परिजनों के साथ साथ पुलिस भी तेजी से बच्ची की फोटो लेकर जगह-जगह पर ढूंढ़ रही है. इस दौरान थाना प्रभारी का कहना है कि सभी जगहों पर बच्ची की तलाश की जा रही है, ऐसे में आस पास के सभी थानों के अलर्ट के साथ बच्ची की फोटो भी भेज दी गई है. अगर, कहीं बच्ची मिलती है तो तत्काल पुलिस को सूचित करें.

दरअसल, हर साल जब भी दसवी, बारहवी की परिक्षा का परिणाम आता है तब कई बच्चे हताश होते हैं और मौत को गले लगा लेते हैं. हम बच्चों को जीतना तो सीखा देते हैं पर हारना नहीं सिखाते हैं. जबकि बच्चों को जीतना और हारना दोनों सिखाना चाहिए. दसवीं, बारहवीं की परिक्षा का परिणाम आपके जीवन से कीमती नहीं है. और न ही यह आपके पूरे भविष्य का निर्धारण करता है. समाज में जरूरत है बच्चों को हार और जीत, सफलता और असफल होने के बारीक फर्क को समझाने व बताने की.

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