खगडिया जिला अन्तर्गत अंचल प्रखंड परबत्ता के कज्जलबल गांव के दुसाद जाती का नौ साल से जाती प्रमाण पत्र नहीं बनने का मामला प्रकाश मे आया हैं।
वहीं इस मामले मे अखिल भारतीय दुसाद उत्थान परिषद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष बासुकी पासवान,एंव खगडिया जिला के अखिल भारतीय दुसाद उत्थान के जिला अध्यक्ष कैलाश पासवान ने बताया कि खगडिया जिला अन्तर्गत अंचल परबत्ता के कज्जलबल गांव के दुसाद जाती जो अनुसूचित जाती के अन्तर्गत आता हैं।
उनका जाती दुवेश के वजह से 2013 ई.से अनुसूचित जाती का प्रमाण पत्र बिना कारण बताएं जाती प्रमाण पत्र बंद कर दिया गया हैं।जबकि संबंधित विभाग के अधिकारियों को लिखित आवेदन देकर गुहार लगाते हुये।जाती प्रमाण पत्र बनाने कि मांग किहैं।
लेकिन अब तक पदाधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं होने पर कज्जलबन गांव के दुसाद जाती का जाती प्रमाण पत्र नहीं बनने से कज्जलबन गांव के छात्र छात्राओं का भविष्य अन्धकार मय कि ओर जाती दिखाई दे रहा हैं।
साथ ही इसके लिये कज्जलबन गांव के दुसाद जाती के लोग जाती प्रमाण पत्र के लिये उच्च न्यायालय के सरण मे जाने कै मजबूर हो रहे हैं।और2013 से पहले जो भी जाती प्रमाण पत्र जिन अधिकारीयों द्वारा निर्गत किया जा रहा हैं। व बैध हैं या अबैध और वर्तमान समय में जाती प्रमाण पत्र निर्गत करनेवाले सकक्षम अधिकारी ,अंचलाधिकारी, परबत्ता द्वारा बंद किये जाना बैध हैं या अबैध यह संविधान का उल्लंघन का मामला प्रति हो रहा हैं।
साथ ही कज्जलबन के दुसाद जाती के लोग ने बताया कि परबत्ता के मुझेला गांव का यही मामला था।लेकिन अब वहां के लोगों का जाती प्रमाण पत्र बनाया जा रहा हैं।और मुझेला गांव मे हमलोगों का रिलेश भी हैं।ओर हम लोग कज्जलबन के दुसाद जाती के लोगों का जाती प्रमाण पत्र 2013 से अ़ंचल द्वारा नहीं बनाया जा रहा हैं ।
जिससे हमारे गांव के छात्र छात्राओं का भविष्य खराब हो रहा हैं।वहीं मुझेला गांव के दुसाद जाती के लोगों ने बताया कि हमलोग का रिलेशन कज्जलबन गांव मे हैं ।वहां के दुसाद जाती के लोगों को जाती प्रमाण पत्र नहीं बनाया जा रहा हैं।हमलोगों का दुसाद जाती के लोगों को जाती प्रमाण पत्र निर्गत किये जा रहे हैं।