सहरसा जिला जहां आज के दौर में जहां घरेलू हिंसा महिला प्रताड़ना और दूसरी शादी को लेकर के इसकी संख्या में काफी वृद्धि हुई है इसके कारण कई परिवार बिखर गए लेकिन इसके लिए आज महिला हेल्पलाइन जो सखी के रूप में परिवर्तित हो चुकी है ऐसे लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है,

जहां तक सुलह की बात है महिला हेल्पलाइन के द्वारा अभी तक कई ऐसे मामले हैं चाहे वह डोमेस्टिक हिंसा की बात हो या फिर महिला प्रताड़ना की बात हो या फिर सोशल मीडिया पर प्यार की बाते हो कमोबेश इसे सुधार दिया जाता है और सुलह करा दिया जाता है इसी कड़ी में आज महिला हेल्पलाइन सखी में दो परिवारों को एक दूसरे से पुनः जोड़ा गया 5 साल पहले मनोज और नीतू की शादी हुई थी मनोज ने अपने परिवार के साथ मिलकर नीतू को सिर्फ इसलिए छोड़ दिया कि उन दोनो का कोई संतान नहीं हो रहे थे ,

आशा देखने के बाद नीतू के परिवार वालों ने अंत में फिर महिला हेल्पलाइन का सहारा लिया महिला हेल्पलाइन में काउंसलिंग के बाद नीतू के पति और परिवार वाले को महिला हेल्पलाइन बुलाया गया बुलाने के बाद दोनों के बीच सुलह करा दिया गया नीतू के पति मनोज शर्मा ने बताया कि 5 साल पहले हमारी शादी नीतू से हुई थी लेकिन संतान नहीं होने के कारण हमने उसे छोड़ दिया,

नीतू ने महिला हेल्पलाइन में इसके खिलाफ आवेदन दिया जिसपर कार्रवाई करते हुए महिला हेल्पलाइन के द्वारा हम दोनों के बीच में सुलह करवा दिया गया और आज हम नीतू को अपने घर ले जा रहे हैं नीतू ने बताया कि हम दोनों की शादी कि हम दोनों की शादी 5 साल पहले हुई थी लेकिन इनके द्वारा हमें छोड़ दिया गया हमने महिला हेल्पलाइन का सहारा लिया और आज महिला हेल्पलाइन के द्वारा सुलह करा कर हम दो परिवारों को बसा दिया गया ।

महिला हेल्पलाइन के परियोजना प्रबंधक मुक्ति श्रीवास्तव बताती हैं कि आज 3 महीने पहले नीतू एवं उसके परिवार वालों ने आवेदन दिया था कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी बसनहीं थाना के लालगंज गांव में मनोज शर्मा से किया था शादी के कुछ ही दिन हुए थे कि मनोज के परिवार वालों ने नीतू को छोड़ दिया काफी इंतजार के बाद सामाजिक तौर पर भी पंचायत हुआ लेकिन नीतू के पति मनोज शर्मा और उसके परिवार वाले ने नीतू को ले जाना स्वीकार नहीं किया थक हार कर नीतू ने महिला हेल्पलाइन का सहारा लिया और महिला हेल्पलाइन के द्वारा दोनों के बीच आज सुलह करवा दिया गया

और दो परिवार को बिखरने से बचा लिया इस तरह से हम देखते हैं महिला हेल्पलाइन अभी तक 1280 मामले में 1109 परिवारों के बीच सुलह करवा दिया यह बहुत बड़ी बात है अगर इसी तरह से महिला हेल्पलाइन में के द्वारा परिवारों के बीच सुलह दिया जाए तो ना जानें कितने परिवार बिखरने से बच जाएंगे

By Indradev Kumar

Patrakar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *