गांधी सेतु के दूसरे लेन के उद्घाटन पर तेजस्वी यादव को आमंत्रित नहीं किए जाने के मुद्दे पर बिहार की राजनीति तेज हो गई है. तेजस्वी ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर अफसोस जताया है और राजद ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि वाकई यह दुखद है. हालांकि जदयू कोटे के मंत्री इसे सामान्य सी बात बता कर नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने गांधी सेतु के दूसरे लेन के उद्घाटन पर नहीं बुलाए जाने पर अफसोस जताया है. उन्होंने ट्वीट कर इस पुल के लिए किए गए अपने प्रयास और दर्द को सोशल मीडिया पर जाहिर किया. तेजस्वी के ट्वीट किए जाने के बाद राजद ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि वाकई यह दुखद है. हालांकि जदयू कोटे के मंत्री इसे सामान्य सी बात बता कर नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहे हैं.
जदयू कोटे से मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जिसने काम किया है और जिसका प्रयास है, उसने पुल का उद्घाटन किया. किसी को इससे दुख और तकलीफ नहीं होनी चाहिए. आखिरकार काम जनता का हो रहा. जिन्हें बुलाया गया और जिन्हें नहीं बुलाया गया, किसी को दुख नहीं होना चाहिए. बिहार की जनता का काम हो रहा है, यही हमारी प्राथमिकता है. श्रवण कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो भी वादा करते हैं उसे पूरा करते हैं.
तेजस्वी को गांधी सेतु के उद्घाटन में नहीं बुलाने पर बिहार सरकार में मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि स्वभाविक है तेजस्वी परेशान हैं. वे विपक्ष के नेता हैं. अगर किसी को यह बात नहीं समझ आती है, तो वह अलग बात है. जनता सब काम को समझती है. अगर तेजस्वी कहते हैं कि गलत काम हुआ है तो यह गलत चीज है. विरोधी कभी सरकार के पक्ष में बोलता नहीं है.
वहीं तेजस्वी के गांधी सेतु उद्घाटन में नहीं बुलाये जाने के ट्वीट पर मंत्री आलोक रंजन ने कहा, यह भारत सरकार की तरफ से नितिन गडकरी ने स्वीकृत किया था. गांधी सेतु का उद्घाटन हुआ, यह बिहार के लिए बड़ी बात है. लोगों को जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी. तेजस्वी के ट्वीट पर मंत्री ने कहा मुझे जानकारी नहीं है.