यूपी के कौशाम्बी जिले के विवेक पटेल ने बाइक के फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम में मामूली बदलाव कर कार्बोरेटर जेट बनाया है, जिसे लगाने से बाइक का माइलेज दोगुना हो जाता है।

कौशाम्बी. चाहे कार हो या बाइक , इंडियन के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि इसके माइलेज क्या है और एक लीटर में कितने किलोमीटर यह चल सकती है। 40 से 50 किलोमीटर प्रति लीटर माइलेज देने वाली आपकी बाइक अगर एक लीटर में इससे दोगुना माइलेज देने लगे तो! अगर आप इसे मजाक समझ रहे हैं तो ठहरिये। असंभव लगने वाले इस काम को संभव कर दिखाया है कौशाम्बी के विवेक कुमार पटेल ने। विवेक ने जुगाड़ तकनीक से वो कर दिखाया है जो करने के लिये कंपनियों ने ऑटोमोबाइल इंजीनियरों की फौज लगा रखी है। उन्होंने फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम में मामूली बदलाव कर गाड़ी का माइलेज दोगुना कर दिया है। माइलेज दोगुना होने से पेट्रोल पर आने वाला खर्च भी घटकर आधा रह जाएगा। विवेक को इंतजार है उस पल का जब ऑटोमोबाइल सेक्टर के विशेषज्ञ उसकी इस तकनीक पर मुहर लगा दें। हालांकि अंकुश ने उसके पहले ही अपने इस अविष्कार के पेटेंट के लिये आवेदन किया है।

2016 में मिली थी पहली सफलता

कौशांबी के पिपरी पहाड़पुर निवासी तकनीशियन विवेक कुमार पटेल ने अपनी इस जुगाड़ तकनीक को ‘कार्बोरेटर जेट’ का नाम दिया है। 12वीं पास विवेक यूं तो घरों में शटरिंग का काम करते हैं, लेकिन उनका नवोन्मेषी मस्तिष्क हमेशा कुछ नया करने की कोशिश को प्रेरित करता है। विवेक बताते हैं कि वह पिछले दो दशक से इस कोशिश में जुटे थे कि दो पहिया वाहनों में माइलेज कैसे बढ़ाया जाए। शुरुआती सालों में उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली, लेकिन हाल के वर्षों में आखिरकार उन्हें कामयाबी मिल ही गई। अपने काम से समय निकालकर उन्होंने बाइक की उस तकनीक को समझा और उसपर काफी मंथन किया, जिससे तेल गाड़ी चलाता है। 2016 में उन्हें माइलेज बढ़ाने में सफलता तो मिली लेकिन वह बहुत छोटी थी।

सीएम योगी ने दिया था 25000 का पुरस्कार

उनकी इस सफलता के लिये विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से उन्हें 25 हजार रुपये का नवोन्मेषक पुरस्कार दिया दिया गया, जो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें खुद अपने हाथों से 23 अक्टूबर 2018 को दिया था। शुरुआती सफलता और पुरस्कार ने विवेक के हौसलों को पंख दिये और वो जी जान से इसी में जुट गए। आखिरकार उन्होंने फ्यूल इंजेक्शन तकनीक पर आधारित ‘कार्बोरेटर जेट’ ईजाद किया, जिसकी मदद से दोपहिया वाहन का माइलेज दोगुना बढ़ाया जा सकता है।

500 वाहनों में लगा चुके हैं

उनकी इस जुगाड़ तकनीक की चर्चा हर तरफ होने लगी। उनका कहना है कि वो अब तक करीब 500 दोपहिया वाहनों में अपना बनायया कार्बोरेटर जेट फिट कर चुके हैं। जेट लगवाने वाले कई चालकों का कहना है कि इसके लगाने के बाद उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई। हालांकि कुछ इंजन पर असर पड़ने की आशंका है। ऐसे में अगर ऑटोमोबाइल विशेषज्ञ इसे मंजूरी दे देते हैं तो ये आशंका भी खत्म हो जाएगी।

कैसे काम करता है

दरअसल दोपहिया वाहनों में फ्यूल इंजेक्शन तकनीक से इंजन में पेट्रोल जाता है और वाष्पीकृत होकर इंजन को चलाता है। विवेक बताते हैं कि इनमें जो कार्बोरेटर जेट लगे होते हैं उसके सबसे निचले हिस्से में करीब दो एमएम का छेद होता है। इससे आधा पेट्रोल बर्बाद हो जाता है। उन्होंने इसमें बदलाव करते हुए उस छेद को बंद कर ऊपर आधे से एक एमएम के दो छेद कर दिये। इससे पेरे पेट्रोल का इस्तेमाल होता है और माइलेज बढ़ जाता है।

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