साल 1988 के रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक साल की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को पटियाला की एक कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने आत्मसमर्पण के बाद सिद्धू को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया है। सिद्धू कपड़ों से भरा बैग लेकर कोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट जाते वक्त सिद्धू ने किसी से बात नहीं की।

सिद्धू ने मीडिया सलाहकार सुरिंदर दल्ला ने कहा कि सरेंडर के बाद अब उनकी मेडिकल जांच और अन्य कानूनी प्रक्रियाएं अपनाई जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को गुरुवार को एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए कहा था कि अपर्याप्त सजा देने के लिए किसी भी अनुचित सहानुभूति से न्याय प्रणाली को अधिक नुकसान होगा और इससे कानून पर जनता का भरोसा कम होगा।

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने चिकित्सा से जुड़े मामलों को सुव्यवस्थित करने का हवाला देते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था उन्हें सुनाई गई एक साल कैद की सजा के लिए आत्मसमर्पण करने के वास्ते कुछ हफ्तों की मोहलत देने का अनुरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने कहा कि इसके लिए आपको मुख्य न्यायाधीश के सामने अर्जी देनी होगी।

सिद्धू की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस ए. एम. खानविलकर और जस्टिस जे. बी. परदीवाला की पीठ के समक्ष मामले का जिक्र किया और कहा कि पूर्व क्रिकेटर को आत्मसमर्पण के लिए कुछ हफ्तों का समय चाहिए।

पीठ ने सिंघवी से कहा कि मामले में फैसला एक विशेष पीठ ने दिया है। पीठ ने कहा, ‘आप यह अर्जी चीफ जस्टिस के समक्ष दाखिल कर सकते हैं। अगर चीफ जस्टिस आज पीठ का गठन करते हैं तो हम इस पर विचार करेंगे। अगर पीठ उपलब्ध नहीं है तो इसका गठन किया जाएगा। उस (रोड रेज) मामले के लिए एक विशेष पीठ का गठन किया गया था।’

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