बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सीडीपीओ यानी बाल विकास परियोजना अधिकारी की परीक्षा भागलपुर में शांतिपूर्ण संपन्न हुई।

रविवार को सीडीपीओ के पदों पर नियुक्ति के लिए सामान्य ज्ञान की प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा दिन के 12 बजे से 2 बजे तक चली। वहीं बीपीएससी 67वीं के पेपर लीक होने के बाद सीडीपीओ परीक्षा में काफी सावधानी बरती गई। आयोग ने परीक्षा केन्द्रों में प्रश्नपत्र के सील पैकेट रखे जाने वाले कक्ष की सीसीटीवी और वेब कैमरे से निगरानी सुनिश्चित की थी।

जबकि जिला प्रशासन की ओर से शांतिपूर्ण परीक्षा संपन्न कराने को लेकर सभी परीक्षा केंद्रों पर पुलिस बल एवं मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी। शहर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर संबंधित थाना के एसएचओ समेत अन्य अधिकारी गश्ती करते दिखे। परीक्षा केंद्रों पर कड़ाई से जांच के बाद ही परीक्षार्थियों को प्रवेश दिया गया। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और बैग को परीक्षा केंद्र के बाहर रखवाया गया।

इस दौरान परीक्षार्थियों को अपने सामान की चिंता भी सताती रही। वहीं परीक्षा अवधि के दौरान जिले के 22 केंद्रों के बाहर धारा-144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा आदेश लागू रहा। परीक्षा देने के बाद एक परीक्षार्थी ने बताया कि परीक्षा में बिहार के तीन चौधरी से जुड़े एक सवाल में वह उलझ गए। दरअसल, बीपीएससी की ओर से आयोजित सीडीपीओ की परीक्षा में 128वां सवाल था कि बिहार का पंचायती राज मंत्री कौन हैं? जवाब देने के लिए अभ्यर्थियों को पांच विकल्प दिए गए थे।

पहले विकल्प के तौर पर पंचायती राज विभाग के पूर्व प्रधान सचिव रहे अरविंद कुमार चौधरी का नाम था। दूसरा नाम पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी का और तीसरा विकल्प पंचायती राज विभाग के निदेशक रंजीत कुमार सिंह के रूप में था

चौथा नाम शिक्षा मंत्री विजय चौधरी का तो पांचवां विकल्प इनमें से कोई नहीं दिया गया था। इस तरह एक सवाल में तीन चौधरी का ऑप्शन आने से सीडीपीओ के अभ्यार्थी खूब उलझे। जबकि इस प्रश्न का सही उत्तर सम्राट चौधरी था।

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