वर्तमान में खगड़िया जंक्शन के रास्ते होकर मेनलाइन कटिहार, बेगूसराय, सहरसा, मुंगेर एवं समस्तीपुर रूट में ट्रेनें का परिचालन हो रहा है। हालाकि एक और रूट खगड़िया- कुशेश्वर जगह रेल लाइन पर शीघ्र ही ट्रेन चलवाई जाने की अनुमान जताई जा रही है। वहीं महेशखूंट से परबत्ता एवं सिमरी बख्तियारपुर-बेलदौर के रास्ते होते हुए मधेपुरा जाने वाली रूट की भी मापने का कार्य भी किया जा रहा है।
खगड़िया से कुशेश्वर जगह रेल प्रोजेक्ट में अलौली गढ़ तक पटरी बिछाई जा चुकी है। वर्तमान में अलौली गढ़ तक माल ट्रेन इस वर्ष वास्तव रूप से चलवाई जाएंगी। ऐसे में खगड़िया जंक्शन से छह रूट की ट्रेनें चलवाई जाएंगी। फ्यूचर में दो लाइनें और कनेक्ट होगी। उसमे खगड़िया स्टेशन पर पैसेंजर का भार और बढ़ेगा। उससे खगड़िया जंक्शन पर और लोड बढ़े जाएगा। ऐसे में खगड़िया स्टेशन पर सिर्फ तीन प्लेटफार्म होने से बड़ी दिक्कतें पैदा हो जाती है
पैसेंजर की भीड़ इतनी होगी कि रोकने में दिक्कत हो जाएगा। ज्ञात हो कि पूर्व में 73 जोड़ी सवारी गाड़ी 5 रूटों से गुजरती थी। उसमे कोरोना काल के समय कई जोड़ी ट्रेनें का परिचालन बंद हो गया है। वहीं 100 जोड़ी से ज्यादा माल ट्रेने इस रूट से जाती है। ऐसा कोई हफ्ता नहीं जिसमें 3 से 4 रैक नहीं लगता हो। ऐसे में फिलहाल रैक प्वाइंट की स्थान पांच एवं छह नंबर प्लेटफार्म को बनवाना अनिवार्य हो जाएगा। उससे पैसेंजर को कम दिक्कतें उठानी पड़े। जो रैक प्वाइंट को 24 नंबर ढाला एवम कुतुबपुर के मध्य ले जाने के बाद ही मुमकिन हो पाएगा।
सुभाष चंद्र जोशी द्वारा बताया गया कि अभी भी कई रूटों पर ट्रेनों की संख्या घटी हुई है। जब कोरोना काल से बंद पड़ी सारी ट्रेनो का परिचलन शुरू हुआ तो लोड बढ़ना तय है। उसके सहित ही खगड़िया- कुशेश्वरस्थान रेल लाइन शुरू होने के बाद 10 जोड़ी ट्रेनें इस रूट पर भी चलने को संभावना है। उससे स्टेशन पर लोड एवं ज्यादा हो जाएगा। अगर ऐसी स्थिति में प्लेटफार्म की संख्या में बढ़ोतरी नहीं होती है, तो पैसेंजर को परेसानियों का सामना करना पड़ेगा।