रिपोर्ट : इन्द्रदेव

सहरसा जिला जहाँ राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप सिंह उपाख्य कुँवर प्रताप की 482 वीं जयंती के अवसर पर सोमवार को गंगजला स्थित पूर्व सांसद आनंद मोहन के आवास पर फ्रेंड्स ऑफ आनंद के कार्यकर्ताओ ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया।इस अवसर पर वक्ताओ ने कहा कि उनका जन्म 1540 ई राजस्थान राज्य के मेवाड़ मे हुआ।उनका शासन काल 1568 से 1597ई.शासन अवधि – 29 वर्ष तक रहा।वे सुर्यवंश सिसोदिया राजपूताना

राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप सिंह का जन्म 1540 ई पु. राजस्थान राज्य के मेवाड़ मे हुआ था


धार्मिक मान्यता अनुसार देशभक्त हिंदू थे।जिन्होने घास की रोटी खाई लेकिन मुगलो की अधीनता स्वीकार नही किया।वह तिथि धन्य है, जब मेवाड़ की शौर्य-भूमि पर मेवाड़ मुकुटमणि राणा प्रताप का जन्म हुआ।महाराणा का नाम
इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिये अमर है।

1568 से 1597ई. तक उनका शासन चला

महाराणा प्रताप एक ही झटके में घोड़े समेत दुश्मन सैनिक को काट डालते थे।जब इब्राहिम लिंकन भारत दौरे पर आ रहे थे तब उन्होने अपनी माँ से पूछा कि हिंदुस्तान से आपके लिए क्या लेकर
आए।तब माँ का जवाब मिला उस महान देश की वीर भूमि
हल्दी घाटी से एक मुट्ठी धूल लेकर आना जहाँ का राजा अपनी प्रजा के प्रति इतना वफ़ादार था कि उसने आधे हिंदुस्तान के बदले अपनी मातृभूमि को चुना।

महाराणा प्रताप के भाले का वजन 80 किलोग्राम था और कवच का वजन भी 80 किलोग्राम ही था।कवच, भाला, ढाल, और हाथ में तलवार का वजन मिलाएं तो कुल वजन 207 किलो था।आज भी महाराणा प्रताप की तलवार कवच आदि सामान
उदयपुर राज घराने के संग्रहालय में सुरक्षित हैं। अकबर ने कहा था कि अगर राणा प्रताप मेरे सामने झुकते है तो आधा हिंदुस्तान के वारिस वो होंगे पर बादशाहत अकबर की ही रहेगी।
लेकिन महाराणा प्रताप ने किसी की भी अधीनता स्वीकार करने से मना कर दिया।महाराणा के देहांत पर अकबर भी रो पड़ा था।

मेवाड़ के आदिवासी भील समाज ने हल्दी घाटी में अकबर की फौज को अपने तीरो से रौंद डाला था वो महाराणा प्रताप को अपना बेटा मानते थे और राणा बिना भेदभाव के उन के साथ रहते थे।आज भी मेवाड़ के राजचिन्ह पर एक तरफ राजपूत हैं तो दूसरी तरफ भील।इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलानंद यादव अकेला ने किया।

वही मुख्य वक्ता के रूप में इंजीनियर रमेश प्रसाद सिंह, प्रोफ़ेसर के एस ओझा, डॉ जितेंद्र सिंह, गजेंद्र सिंह, राजद जिला अध्यक्ष मोहम्मद ताहिर, ओम प्रकाश नारायण, रिजवाना खातून, गीता यादव, एडवोकेट संगीता सिंह, ऊगन झा, अजय झा, राघव सिंह ,भारत यादव, अनिल कुशवाहा, शंभू सिंह, कुणाल सिंह पवन रजक, गुंजन सिंह, खुर्शीद आलम,कुणाल सिंह दीपू झा, ज्ञानेंद्र ज्ञानू अमित चिनवार, जितेंद्र सिंह चौहान, नितेंद्र प्रताप सिंह, अजय बबलू,बीबी फरजाना, मोहम्मद शहाबुद्दीन सहित अन्य मौजूद थे।

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