झारखंड के देवघर में रोपवे हादसे के दौरान जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाने वाले जवानों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बातचीत करेंगे। रेस्क्यू अभियान के दौरान भी पीएम मोदी लगातार गृह विभाग के अधिकारियों से मामले पर अपडेट लेते रहे। जवानों की बहादुरी से ही 48 लोगों की जान बच सकी थी। इनमें कई बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार पीएम मोदी बचाव कार्यों में शामिल भारतीय वायुसेना के कर्मियों, भारतीय सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, स्थानीय प्रशासन और नागरिक समाज के कर्मियों के साथ शाम 8 बजे बातचीत करेंगे।
जवानों के हौसले की हर तरफ सराहना हो रही है। झारखंड के सीएम ने भी कहा कि मुझे लगता है देश में ये पहली घटना है, एकाध बार ये भी बात आई कि ये रेस्क्यू किया ही नहीं जा सकता। वायुसेना के गरुड़ कमांडो, आईटीबीपी की टीम, भारतीय सेना, एनडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन ने काफी संयम के साथ इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
झारखंड के देवघर स्थित त्रिकूट रोपवे दुर्घटना में फंसे पर्यटकों को मौत के मुंह से निकालने के लिए देश के जांबाज जवानों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। जान हथेली पर रख कर एक-एक पर्यटक को पुनर्जीवन देने वाले वायु सेना और आर्मी के जवानों ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। राहत कार्य के दौरान उन्होंने अपनी जान तक को जोखिम में डाल दिया।
इस हादसे को न केवल लापरवाही और इसमें जान गंवा चुके लोगों के लिए भुलाना मुश्किल होगा बल्कि लोग इसे हमारी सेना के बहादुर जवानों की निष्ठा और जांबाजी के लिए भी याद रखेंगे। रामनवमी के दिन रोपवे हादसे के बाद जैसे ही सेना के जवानों ने राहत कार्य का जिम्मा संभाला, वैसे ही फंसे हुए पर्यटकों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने मान लिया कि अब सभी लोगों को सुरक्षित बचा लिया जाएगा। दो मौतों को छोड़ दें तो ऐसा हुआ भी। सभी फंसे हुए लोगों की जान को कीमती मान कर सेना के जवानों ने पूरे रेस्क्यू अभियान पर काम किया। हालांकि तमाम प्रयास के बाद भी दो लोगों की बचाव के दौरान जान चली गई।