एक रिपोर्ट के अनुसार विधान परिषद के 63% सदस्य पर क्रिमिनल केसेस हैं जिसमें 90% सदस्य करोड़पति भी है। विधान परिषद को राज्य का उच्च सदन कहा जाता है, इसलिए इसके सदस्यों को भी आदर्श होना चाहिए लेकिन चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली संस्था एडीआर बताती है कि विधान परिषद के 63% सदस्यों पर अपराधिक मामले है।
जिसमें 33% पर तो बहुत ही गंभीर मामले हैं और जबकि इसमें 90% सदस्य करोड़पति भी हैं। एडीआर के बिहार प्रमुख राजीव कुमार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि विधानसभा के 75 सदस्यों में से 38 सदस्य अपने शपथ पत्र में स्वयं को अपराधी हमले का आरोपी बताते हैं। 9 सदस्यों पर हत्या के भी आरोप हैं। जिनके विरुद्ध यह केस कोर्ट में लगातार चल रहे हैं।
एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि भाजपा सदस्यों के विरुद्ध आपराधिक मामले ज्यादा चल रहे हैं जिसमें भाजपा के 16 सदस्यों में से 11 सदस्य हैं राजद के 14 में से 10 और जदयू में 17 में से 8 सदस्य किसी अपराध में लिप्त हैं। गंभीर अपराध के मामले में भाजपा और राजद के 5 पदों के 7 सदस्य आरोपी है। विधान परिषद के सदस्यों में से करोड़ की संपत्ति सबसे अधिक निर्दलीय सदस्य सच्चिदानंद की संपत्ति है।
उनकी संपत्ति 1100 करोड़ की है दूसरे नंबर पर भाजपा के राजीव कुमार और अशोक अग्रवाल हैं जिनके पास 159 और 101 करोड़ की संपत्ति है, जबकि सबसे कम राजद की मुन्नी देवी के पास ₹29 की संपत्ति है और जदयू के नीरज कुमार के पास 49 लाख की संपत्ति है।