बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से शराब और ताड़ी (toddy) दोनों पर रोक लगा दिया गया है. ऐसे में ताड़ी से जीवन यापन करने वाले लोगों के सामने रोजगार की समस्या आ गई. इसको लेकर अब बिहार सरकार (Bihar Goverment) ने ताड़ी उत्पादकों से कहा है कि आप नीरा (Neera) का उत्पादन करें. बता दें कि राजधानी पटना में कई जगहों पर नीरा की दुकान खुली है और कई स्थानों पर नीरा की दुकान खोलने को लेकर विचार जारी है. बताया जा रहा है कि सबकुछ ठीक रहा तो पटना जू में भी नीरा की बिक्री शुरू हो जाएगी. फिलहाल पटना जू (Patna Zoo) के गेट नंबर दो पर रोजाना 20 से 25 लीटर नीरा बेचा जा रहा है. और एक गिलास नीरा का दाम 10 रुपया है.

सरकार ताड़ी बंद करने के बाद नीरा के उत्पादन को लेकर लोगों को उत्साहित किया जा रहा है. बता दें कि जीविका दीदी के सहयोग से 790 परिवारों को नीरा उत्पादन को लेकर ट्रेनिंग दी गई है. इसके साथ ही 510 लोगों को नीरा की बिक्री करने का लाइसेंस मद्य निषेध विभाग की तरफ से दिया जा चुका है. जिन लोगों को लाइसेंस दिया गयाहै उन्हें जीविका दीदी समूह (Jeevika Didi Group) से जोड़ दिया गया है. सरकार का यह मानना है कि ताड़ी उत्पादन से जुड़े लोग अब नीरा के साथ जुड़ेंगे तो उनका व्यापार भी बढ़ेगा और लोगों को नीरा पीने का लाभ भी मिलेगा.

बिहार सरकार नीरा उत्पादन में आने वाले उपकरणों को खरीदने में मदद पहुंचा रही है. बता दें कि जीविका समूह इसके लिए लोगों को मदद कर रही है. जीविका समूह में वैसे तो महिलाएं हैं लेकिन नीरा का कारोवार शुरू होने के बाद से अब पुरुषों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है.

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