संत सदगुरू आचार्य धर्मस्वरूप साहेब की निधन की खबर सुनकर उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में उनके अनुयायी जुटने लगे. लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर पूर्णिया कोर्ट स्टेशन स्थित जीवन ज्योति केंद्र में रखा गया है.

पूर्णिया: 21 वीं सदी के संत सदगुरू आचार्य धर्मस्वरूप साहेब का सोमवार को निधन हो गया. वे 84 साल के थे. सोमवार को सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर उ‌न्होंने आखिरी सांस ली. वे काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. उनके निधन की खबर मिलते ही पूर्णिया व आसपास के जिलों में शोक की लहर दौड़ गयी.

अंतिम दर्शन को जुटे अनुयायी

संत सदगुरू आचार्य धर्मस्वरूप साहेब की निधन की खबर सुनकर उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में उनके अनुयायी जुटने लगे. लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर पूर्णिया कोर्ट स्टेशन स्थित जीवन ज्योति केंद्र में रखा गया है. उनका अंतिम संस्कार बुधवार को होगा. इस बीच जानकारी मिली है कि उनके अंतिम दर्शन के लिए सत्ता और विपक्ष के कई बड़े नेताओं की आने की संभावना है.

कबीर के अनन्य भक्त थे आचार्य धर्मस्वरूप साहेब

बता दें कि आचार्य धर्मस्वरूप साहेब कबीर के अनन्य भक्त थे. उनका संपूर्ण जीवन मानव चेतना के उत्थान में समर्पित था. उन्होंने संस्कृत के प्रोफेसर की अच्छी-खासी आमदनी वाली नौकरी त्याग कर अपने जीवन को मानव सेवा में लगाने का संकल्प लिया और देश-विदेश में भ्रमण कर लोगों में ईश्वर व ईश्वर प्राप्ति के मार्ग को प्रशस्त किया. उनके अनुयायियों की संख्या लाखों में है. आचार्य धर्मस्वरूप जी महाराज के अनुयायी देश विदेश में है. महाराज जी के अनुयायी मॉरिशस, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर आदि विदेश में हैं जो यूट्यूब के माध्यम से प्रवचन सुनते हैं. महाराज के अनुयायी सबसे अधिक नेपाल में हैं.

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