बिहार के मधेपुरा की जेल में कैदियों की हालत बेहद खराब है. यहां एक महीने में दो कैदियों की मौत हो चुकी है. वहीं, इस समय 50 से ज्यादा कैदी बीमार हैं. वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जेल छोटी है. इसकी वजह से अभी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. कुछ कैदियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने को लेकर बात की जा रही है.

बिहार के मधेपुरा मंडल कारावास से चौंका देने वाली खबर सामने आई है. मधेपुरा जेल में बीते एक माह में 2 कैदियों की मौत हो चुकी है. वहीं, 40-50 कैदियों के बीमार होने की खबर है. इसके बाद जेल प्रशासन ने सरकार और सीनियर अफसरों को इसकी सूचना दी है. बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने हाल ही में बिहार की जेलों का दौरा कर वहां की व्यवस्था पर तल्ख टिप्पणी की थी.

सूचना के बाद प्रमंडलीय आयुक्त जेल का निरीक्षण करने पहुंचे तो वे भी हैरान रह गए. जेल में 50 से ज्यादा कैदी बीमार हैं. छह कैदी मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं. जेल में 180 की जगह 814 कैदी बंद हैं. एक की जगह चार कैदियों को रखा गया है. कैदियों को वायरल फीवर और चर्म रोग की बीमारी बताई जा रही है.

भीषण गर्मी के बीच मधेपुरा जेल की स्थिति खराब है. बीते 17 जुलाई को जेल के एक कैदी की मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. बताया गया कि वह वायरल फीवर का शिकार था. अगले ही दिन उसके एक अन्य भाई को भी इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया. 

मृतक के पुत्र ने कहा था कि जेल में सही इलाज नहीं मिला, जिस वजह से उसके पिता की मौत हो गई. जेल के अंदर उसके पिता का ख्याल नहीं रखा गया. इसके बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया.

जेल काफी छोटी है, क्षमता से अधिक कैदी हैं, बोले प्रमंडलीय आयुक्त

प्रमंडलीय आयुक्त गोरखनाथ जेल का निरीक्षण करने पहुंचे तो उन्होंने भी स्वीकार किया कि जेल काफी छोटी है. यहां क्षमता से अधिक कैदी हैं, जिसकी वजह से समस्या आ रही है. उन्होंने कहा कि नई जेल बनाए जाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है. सब कुछ ठीक रहा तो 6 माह में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. उन्होंने तत्काल एक माह के भीतर 200 कैदियों को दूसरी जगह ट्रांसफर किए जाने की भी बात कही.

वहीं, कैदियों ने हस्ताक्षर कर एक आवेदन जिला जज को दिया है, जिसमें अपनी समस्याएं लिखी हैं. कहा जा रहा है कि जेल अधीक्षक ने भी कई बार सीनियर अधिकारियों और विभाग को जेल की समस्याओं से अवगत कराया था.

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