सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र में रविवार को 17 वर्षीय नाबालिग छात्रा रूबी कुमारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतका तरियामा वार्ड नंबर 4 निवासी रविंद्र कुमार शर्मा की पुत्री थी और इंटर की छात्रा थी। रूबी अपने परिवार में एक भाई और दो बहनों में सबसे बड़ी थी।
जानकारी के अनुसार, रविवार की दोपहर रूबी अपने घर से कोचिंग के लिए निकली थी। कुछ ही समय बाद परिवार को सूचना मिली कि उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई है। परिजनों ने उसे पहले स्थानीय निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन स्थिति नाजुक होने के कारण उसे सहरसा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।
सदर अस्पताल में इलाज के दौरान रूबी की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर करने की सलाह दी, लेकिन शाम तक रूबी की मौत हो गई। डॉक्टर मधुर कृष्णा ने बताया कि मामला “पॉयजनिंग केस” से जुड़ा था और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी स्थिति गंभीर बनी रही।
रूबी के पिता रविंद्र कुमार शर्मा ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी की मौत किसी साजिश के तहत जहर देकर की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि रूबी आत्महत्या नहीं कर सकती और इसे किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा जानबूझकर जहर देने का मामला माना जा रहा है। उन्होंने पुलिस से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
स्थानीय पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घटना की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारण का खुलासा संभव होगा। फिलहाल पुलिस मृतका के परिवार और आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि संदिग्ध परिस्थितियों को स्पष्ट किया जा सके।
इस घटना ने पूरे इलाके में सदमे और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। ग्रामीण और पड़ोसी मृतका के परिवार से दुख व्यक्त कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना नाबालिगों और युवाओं की सुरक्षा के लिए गंभीर चेतावनी है।
रूबी कुमारी की मौत ने परिवार और स्कूल के छात्रों में शोक फैलाया है। शिक्षक और साथियों ने भी इसे गंभीर घटना बताया और प्रशासन से मांग की कि इस मामले की गहन जांच की जाए।
स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने कहा है कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। परिवार और गांववालों की अपील है कि यह मामला शीघ्र निष्पक्ष रूप से सुलझाया जाए, ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
