सहरसा जिले के चिरैया थाना क्षेत्र के बेलाही गांव में रविवार की शाम एक ऐसी घटना घटित हुई जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। मोबाइल चार्जिंग जैसे मामूली विवाद ने देखते-ही-देखते खूनी रूप ले लिया और 16 वर्षीय किशोर की मौत हो गई। यह घटना इस बात का उदाहरण है कि छोटी-सी कहासुनी भी यदि नियंत्रण से बाहर हो जाए तो कितनी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है।

 

मिली जानकारी के अनुसार, बेलाही गांव निवासी हरिराम चौधरी का पुत्र नीतीश कुमार अपने मोबाइल की बैटरी चार्ज करने के लिए पड़ोसी कृष्णा चौधरी के घर गया था। इसी दौरान गांव के ही भूषण सादा ने उसका चार्जर हटाकर अपना मोबाइल चार्ज करना शुरू कर दिया। इस बात पर दोनों के बीच कहासुनी शुरू हुई और देखते ही देखते विवाद मारपीट में बदल गया। आरोप है कि भूषण और उसके पिता महेश सादा ने नीतीश की बेरहमी से पिटाई कर दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

 

घटना के बाद ग्रामीणों ने आनन-फानन में घायल नीतीश को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर देखते हुए उसे खगड़िया सदर अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन दुर्भाग्यवश, रास्ते में ही नीतीश ने दम तोड़ दिया। परिजनों पर यह दुख का पहाड़ टूट पड़ा। मृतक के पिता हरिराम चौधरी ने चिरैया थाने में आवेदन देकर भूषण सादा और उसके पिता महेश सादा पर बेटे की हत्या का आरोप लगाया।

 

पुलिस अधीक्षक हिमांशु को घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। सिमरी बख्तियारपुर एसडीपीओ मुकेश कुमार ठाकुर के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम ने तकनीकी साक्ष्य और गुप्त सूचना के आधार पर लगातार छापेमारी की और महज 12 घंटे के भीतर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

 

साइबर डीएसपी अजीत कुमार ने सदर थाना परिसर में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि पुलिस की टीम ने बिना देर किए दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को लेकर पुलिस शून्य सहिष्णुता की नीति पर काम कर रही है और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।

 

इस त्वरित कार्रवाई में एसडीपीओ मुकेश कुमार ठाकुर, चिरैया थाना अध्यक्ष कुंदन कुमार सहनी सहित पूरी पुलिस टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस की इस तत्परता की ग्रामीणों ने खुलकर सराहना की और कहा कि ऐसी कार्रवाई से अपराधियों में कानून का डर पैदा होगा।

 

यह घटना समाज के लिए एक गहरी चेतावनी भी है। मोबाइल चार्जिंग जैसे छोटे-से मुद्दे पर शुरू हुआ विवाद इतनी बड़ी त्रासदी में बदल सकता है, इसका अंदाजा किसी ने नहीं लगाया था। यह बताता है कि आपसी समझदारी और धैर्य का कितना महत्व है। फिलहाल, मृतक किशोर के परिवार पर गहरा दुख छाया हुआ है और पूरे गांव में मातम का माहौल है।

 

इस घटना ने न केवल एक परिवार की खुशियाँ छीन लीं, बल्कि समाज को भी यह संदेश दिया कि छोटी-सी बात पर हिंसा का रास्ता चुनना कितनी बड़ी गलती है। प्रशासनिक स्तर पर त्वरित कार्रवाई भले ही राहत की बात हो, लेकिन इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए समाज को भी जागरूक और संयमित रहना होगा।

 

 

 

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