बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के साथ ही राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। इसी बीच आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अब तक का सबसे बड़ा चुनावी वादा करते हुए कहा है कि महागठबंधन की सरकार बनने पर राज्य के हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
“जो कहते हैं, वह करते हैं” — तेजस्वी यादव
पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा —
> “20 साल में एनडीए सरकार ने बिहार को असुरक्षा और बेरोजगारी के अलावा कुछ नहीं दिया। अगर हमारी सरकार बनी तो हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देंगे। हम जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं।”
तेजस्वी ने दावा किया कि बिहार की जनता इस बार बदलाव के मूड में है और 14 नवंबर के बाद महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बनते ही राज्य में ‘नौकरी का नवजागरण’ शुरू होगा।
उद्योग, शिक्षा और डेयरी सेक्टर पर फोकस
आरजेडी नेता ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद बिहार में रोजगार सृजन को लेकर ऐतिहासिक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा —
> “हम जीत का जश्न हर घर में सरकारी नौकरी और बिहार में उद्योग लगाकर, एजुकेशनल सिटी, आईटी पार्क बनाकर और कृषि एवं डेयरी आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर मनाएंगे। यही होगा असली विकास।”
तेजस्वी ने कहा कि एनडीए के 20 सालों में बिहार पिछड़ गया है, जबकि महागठबंधन सरकार बनने के बाद राज्य को उद्योग, शिक्षा और रोजगार के नए मार्ग पर आगे बढ़ाया जाएगा।
“हर घर को जॉब” के लिए नया कानून बनेगा
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि उनकी सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर एक नया अधिनियम (लॉ) लाया जाएगा, जिसके तहत ऐसे हर परिवार को नौकरी दी जाएगी, जिसके पास सरकारी नौकरी नहीं है। उन्होंने दावा किया कि 20 महीने के भीतर बिहार का कोई घर बिना सरकारी नौकरी के नहीं रहेगा।
तेजस्वी ने इसे “बिहार में रोजगार क्रांति” की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल चुनावी वादा नहीं बल्कि युवाओं के भविष्य से जुड़ी उनकी जिम्मेदारी है।
सीट शेयरिंग पर भी मंथन जारी
हालांकि, महागठबंधन में अभी तक सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। तेजस्वी यादव के आवास पर आज कांग्रेस नेताओं के साथ अहम बैठक होनी है, जिसमें सीट शेयरिंग के नए फार्मूले पर चर्चा होगी। सूत्रों के अनुसार, आरजेडी ज्यादा सीटों पर दावा कर रही है, जबकि कांग्रेस अपने पारंपरिक क्षेत्रों में मजबूत उपस्थिति चाहती है।
क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी यादव का “हर परिवार को नौकरी” वाला वादा युवाओं को आकर्षित करेगा, लेकिन इसकी व्यावहारिकता पर सवाल उठना तय है। बिहार की मौजूदा आर्थिक स्थिति और सरकारी पदों की सीमित संख्या को देखते हुए यह वादा चुनावी बहस का सबसे बड़ा मुद्दा बन सकता है।
