भागलपुर जिले के नाथनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत मधुसूदनपुर पुलिस ने नशा और अवैध हथियार के कारोबार पर एक बड़ी और साहसिक कार्रवाई करते हुए नशा माफिया के नेटवर्क को झटका दिया है। पुलिस की यह छापेमारी मनसर गांव में की गई, जहां से भारी मात्रा में नशीली सामग्री और अवैध हथियार बरामद किए गए। इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने में स्थानीय पुलिस ने सजगता और तत्परता का परिचय दिया, जिससे क्षेत्र में अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान **234 ग्राम ब्राउन शुगर**, **दो देसी कट्टा**, **छह जिंदा कारतूस**, **चार लाख रुपये से अधिक नकद** और **तीन मोटरसाइकिलें** जब्त की हैं। इसके अलावा मौके से **तीन तस्करों को गिरफ्तार** किया गया है, जिनकी पहचान **मिथिलेश यादव**, **विशाल कुमार** और **हिटलर** के रूप में हुई है।
सूत्रों के अनुसार, इस गिरोह का मुख्य सरगना मिथिलेश यादव है, जो अपने बेटे के साथ मिलकर लंबे समय से ब्राउन शुगर और हथियारों के अवैध धंधे को अंजाम दे रहा था। पुलिस को यह भी संदेह है कि इस तस्करी का नेटवर्क केवल भागलपुर जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार **अंतरराज्यीय गिरोहों से भी जुड़े** हो सकते हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की गहनता से जांच कर रही है।
**कैसे हुआ खुलासा?**
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि नाथनगर के मनसर गांव में नशे और हथियारों का अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर संचालित किया जा रहा है। सूचना मिलते ही मधुसूदनपुर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए गांव में छापेमारी की। पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो आरोपी घबरा गए और भागने की कोशिश करने लगे। लेकिन पहले से तैनात टीम ने उन्हें चारों ओर से घेरकर दबोच लिया।
छानबीन के दौरान घर और आसपास के इलाके से भारी मात्रा में **ब्राउन शुगर, हथियार और नगदी** बरामद की गई। मौके से जब्त तीन मोटरसाइकिलों के नंबर प्लेट और दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये वाहनों का उपयोग किन-किन गतिविधियों में किया गया।
**नाथनगर पुलिस की सक्रियता की सराहना**
नाथनगर थाना और मधुसूदनपुर पुलिस की इस कार्रवाई की चारों ओर सराहना हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लंबे समय से इस इलाके में नशे का कारोबार फल-फूल रहा था, लेकिन अब पुलिस की तत्परता से ऐसा लग रहा है कि जल्द ही इस अवैध गतिविधि का जड़ से सफाया हो जाएगा।
इस कार्रवाई से क्षेत्र के आम नागरिकों में एक तरह का विश्वास जगा है कि प्रशासन नशे के खिलाफ गंभीर है और कोई भी अपराधी कानून की पकड़ से बच नहीं पाएगा। यह छापेमारी केवल एक तस्कर के गिरोह पर हमला नहीं है, बल्कि पूरे नशा कारोबार पर एक **सख्त और निर्णायक वार** है।
**डीएसपी और एसपी की नजर**
इस पूरे मामले में जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (डीएसपी) की भी पैनी नजर बनी हुई है। पुलिस कप्तान ने स्वयं इस कार्रवाई की निगरानी की और कहा कि जो भी अपराधी इस गिरोह से जुड़े होंगे, उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस अब **मोबाइल कॉल रिकॉर्ड, बैंक खातों और अन्य डिजिटल माध्यमों से इन तस्करों के लिंक खंगालने में जुट गई है**।
**अंतरराज्यीय कनेक्शन की जांच**
सबसे गंभीर पहलू यह है कि इस गिरोह के तार बिहार के अन्य जिलों के अलावा झारखंड, बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं। बरामद ब्राउन शुगर की मात्रा और नकदी को देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि यह केवल खुदरा तस्करी नहीं थी, बल्कि एक **व्यवस्थित और संगठित तस्करी नेटवर्क** है।
**समाज के लिए खतरा बनता नशा कारोबार**
ब्राउन शुगर जैसे घातक नशीले पदार्थ का कारोबार समाज और विशेषकर युवाओं के लिए गंभीर खतरा है। इससे ना केवल अपराध बढ़ता है, बल्कि सामाजिक ढांचा भी कमजोर होता है। ऐसे में पुलिस की यह कार्रवाई न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने में मददगार है, बल्कि युवाओं को नशे की दलदल से बचाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
**अंतिम निष्कर्ष**
नाथनगर थाना क्षेत्र की यह छापेमारी साबित करती है कि पुलिस अब नशे और अपराध के खिलाफ **‘जीरो टॉलरेंस नीति’** पर काम कर रही है। इस तरह की कार्रवाई अगर लगातार होती रही, तो निश्चित ही नशा और अपराध के नेटवर्क का सफाया संभव होगा। आम जनता और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से पुलिस आने वाले दिनों में और भी बड़ी सफलता हासिल कर सकती है।
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