घटना स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 08/09 के पूर्वी छोर की है, जहां गश्त पर तैनात जवानों की नजर एक संदिग्ध शख्स पर पड़ी। वह चुपचाप बैठा हुआ था और जब जवानों ने उससे सवाल किया, तो वह घबरा गया और झूठ बोलने लगा कि उसकी ट्रेन आ चुकी है। लेकिन जब जवानों ने बताया कि उस वक्त कोई ट्रेन नहीं आई है, तो संदेह और गहरा गया।
स्टेशन
जवानों ने जब झोला खोलने को कहा, तो आरोपी ने टालने की कोशिश की। उसने दावा किया कि झोले में सिर्फ गंदे कपड़े हैं। लेकिन जब झोला खोला गया तो बदबूदार कपड़ों के नीचे से एक चोरी का मोबाइल फोन और ₹15,000 नकद बरामद हुए।
**चोरी का मोबाइल और ₹15,000 नकद बरामद**
पूछताछ में आरोपी की पहचान मोहम्मद रिजवान (निवासी जेजे कॉलोनी, बवाना, दिल्ली) के रूप में हुई। उसने कबूल किया कि उसने चार महीने पहले चारबाग स्टेशन पर एक चलती ट्रेन से यह मोबाइल चुराया था और अब उसे बेचने के इरादे से वापस लखनऊ आया था। इसके अलावा, उसने जयनगर क्लोन एक्सप्रेस के एसी कोच से एक यात्री का बैग चोरी करने की बात भी स्वीकार की, जिसमें नकद रुपये थे।
**अक्सर यात्रियों को बनाता था निशाना**
पूछताछ में रिजवान ने यह भी बताया कि वह ट्रेनों में चढ़ते-उतरते या स्टेशन पर सोते यात्रियों को निशाना बनाता है। चोरी किए गए सामान को वह सस्ते दामों में बेच देता था।
**आरोपी गिरफ्तार, सुरक्षा अभियान जारी**
जीआरपी ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। अधिकारी बताते हैं कि रेलवे स्टेशनों पर अपराध रोकने के लिए सतत निगरानी और चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।