बिहार की सियासत में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। चुनाव आयोग ने जन सुराज पार्टी को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए आधिकारिक चुनाव चिन्ह “स्कूल बैग” आवंटित कर दिया है। अब राज्यभर में पार्टी के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी इसी चुनाव चिन्ह के तहत चुनाव मैदान में उतरेंगे।
जन सुराज पार्टी की यह मांग लंबे समय से चुनाव आयोग के पास लंबित थी। पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर ने कई बार सार्वजनिक मंचों पर यह बात दोहराई थी कि उनकी पार्टी शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, और वे चुनाव चिन्ह के रूप में ऐसा प्रतीक चाहते हैं जो उनकी विचारधारा और संकल्पों को दर्शाए। “स्कूल बैग” चिन्ह को अब आयोग से हरी झंडी मिलना, पार्टी के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
जन सुराज पार्टी के पांच मुख्य संकल्पों में से पहला संकल्प “बेहतर शिक्षा व्यवस्था” है। पार्टी का मानना है कि बिहार की बुनियादी समस्याओं का समाधान एक मज़बूत और प्रभावी शिक्षा तंत्र से ही संभव है। “स्कूल बैग” प्रतीक अब न केवल पार्टी की पहचान बनेगा, बल्कि वह हर मतदाता को यह याद दिलाएगा कि जन सुराज बच्चों के भविष्य को लेकर कितनी गंभीर है।
पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा है कि यह चुनाव चिन्ह हर उस अभिभावक, शिक्षक और छात्र की आवाज बनेगा जो राज्य में एक समृद्ध, सशक्त और आधुनिक शिक्षा प्रणाली की उम्मीद रखते हैं। अब जन सुराज के चुनाव प्रचार अभियान में “स्कूल बैग” एक केंद्रीय प्रतीक बनकर उभरेगा। गांव-गांव, टोला-टोला में पार्टी कार्यकर्ता इस निशान के माध्यम से शिक्षा के महत्व को रेखांकित करेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह चुनाव चिन्ह पार्टी को ग्रामीण और शहरी मतदाताओं के बीच मजबूत पकड़ बनाने में मदद कर सकता है, खासकर उन परिवारों में जिनका सीधा जुड़ाव स्कूलों और बच्चों की शिक्षा से है। यह प्रतीक, अपने आप में उम्मीद, बदलाव और उज्ज्वल भविष्य का संकेत माना जा रहा है।
प्रशांत किशोर ने इस अवसर पर कहा, *“स्कूल बैग सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि यह हमारे सपनों, संकल्पों और संजीदा राजनीति की पहचान है। हम बिहार के हर बच्चे को बेहतर स्कूल, शिक्षक और संसाधन देना चाहते हैं। हमारा चुनाव चिन्ह हर घर में शिक्षा की अलख जलाएगा।”*
अब देखना दिलचस्प होगा कि “स्कूल बैग” चुनाव चिन्ह के साथ जन सुराज पार्टी किस तरह जनता के बीच अपनी पैठ बनाती है और आगामी चुनावों में कितना असर डाल पाती है।
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