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कैमूर (भभुआ):
बिहार के कैमूर जिले से शिक्षा जगत को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है, जहां विद्यालय अवधि के दौरान शिक्षकों ने कक्षा छोड़कर चिकन पार्टी मनाई। यह घटना कैमूर के रामपुर प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय झाली की है, जिसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 11 शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, जबकि दो अन्य शिक्षकों पर भी कड़ी अनुशंसा की गई है।

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वीडियो वायरल होते ही मचा हड़कंप

शिक्षकों द्वारा विद्यालय समय में चिकन पार्टी करने की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आते ही आम लोगों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक में नाराजगी देखने को मिली। वायरल वीडियो में शिक्षक स्कूल परिसर में बैठकर खाना खाते और मस्ती करते दिखाई दे रहे थे, जबकि छात्र-छात्राएं कक्षा में अनुपस्थित दिखे। इस लापरवाही ने न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए, बल्कि सरकारी स्कूलों में जवाबदेही की पोल भी खोल दी।

डीईओ ने की कड़ी कार्रवाई

कैमूर जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) अक्षय कुमार पांडेय और डीपीओ स्थापना कृष्ण मुरारी गुप्ता ने मामले की जांच कर त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने बताया कि विद्यालय अवधि में चिकन पार्टी जैसे आचरण को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

“विद्यालय अवधि में चिकन पार्टी करने के मामले में 11 शिक्षकों को निलंबित किया गया है, जबकि दो अन्य शिक्षकों पर भी कड़ी अनुशंसा की गई है।” – अक्षय कुमार पांडेय, DEO

किन शिक्षकों पर हुई कार्रवाई?

निलंबित शिक्षकों में झाली मध्य विद्यालय के 8 शिक्षक और पांडेयपुर विद्यालय के एक प्रभारी प्रधानाध्यापक शामिल हैं। इन सभी को जांच के बाद नोटिस भेजा गया था, लेकिन किसी का स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया। इसके बाद सख्त कदम उठाया गया।

बीडीओ को भी भेजा गया पत्र

इस घटना में झाली विद्यालय के प्रधानाध्यापक जयराम राम और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक सरफराज राइन को निलंबित करने के लिए रामपुर प्रखंड के बीडीओ सह नियोजन इकाई सचिव को पत्र भेजा गया है। इन दोनों शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई के तहत प्रपत्र ‘क’ गठित कर अनुशासनात्मक कार्यवाही की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।

निलंबन के बाद बदली गई ड्यूटी

निलंबित शिक्षकों को केवल निलंबन तक सीमित नहीं रखा गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इन 9 शिक्षकों को विभिन्न प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालयों में जीवन यापन भत्ते पर कार्यभार संभालने का निर्देश दिया है। नीचे देखें किस शिक्षक को कहाँ भेजा गया:

  • राशीदा खातून – मोहनिया प्रखंड शिक्षा कार्यालय
  • शालिनी कुमारी – कुदरा प्रखंड शिक्षा कार्यालय
  • ब्रजेश कुमार – अधौरा प्रखंड शिक्षा कार्यालय
  • अरुण कुमार सिंह – भभुआ
  • इकबाल अहमद – कुदरा
  • उर्मिला कुमारी – भभुआ
  • शाहबाज खान – अधौरा
  • रेशू सिंह – मोहनिया
  • विजय पासवान (प्रभारी प्रधानाध्यापक, पांडेयपुर विद्यालय) – चांद प्रखंड शिक्षा कार्यालय

शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

इस घटना ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब शिक्षक खुद ही विद्यालय समय में ऐसी गैर-जिम्मेदाराना गतिविधियों में लिप्त पाए जाते हैं, तो बच्चों की शिक्षा और भविष्य का क्या होगा? सरकार भले ही लाख योजनाएं चला रही हो, लेकिन जब जमीनी स्तर पर शिक्षक अपनी भूमिका को हल्के में लें, तो सुधार की उम्मीद धूमिल हो जाती है।

जनता में आक्रोश, सरकार से कार्रवाई की मांग

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद आम जनता में भारी नाराजगी है। कई लोगों ने इस पर कड़ी कार्रवाई की मांग की, ताकि भविष्य में अन्य शिक्षक इस तरह की लापरवाही न करें। शिक्षा प्रेमियों और छात्र अभिभावकों ने भी मांग की कि दोषी शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त किया जाए।

निष्कर्ष

उक्त घटना ने साबित कर दिया कि शैक्षणिक संस्थानों में अनुशासन और निगरानी की सख्त जरूरत है। कैमूर जिला प्रशासन द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यह एक बड़ी चेतावनी भी है कि अब शिक्षकों की जवाबदेही तय करना समय की मांग है।

शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं, लेकिन जब वही शिक्षक अपने कर्तव्यों को भूल जाएं, तो शिक्षा व्यवस्था के लिए इससे बड़ा खतरा कोई नहीं हो सकता।

 

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By admin

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