सीतामढ़ी:
बिहार के सीतामढ़ी जिले में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात भयावह बना दिए हैं। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिला मुख्यालय से लेकर आसपास के क्षेत्रों तक पानी भर गया है। कई घरों में बरसात का पानी घुसने से लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

स्थानीय प्रशासन ने अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है, लेकिन लगातार बारिश के कारण बाढ़ का पानी अब अनियंत्रित रूप से फैलने लगा है। सड़कों पर पानी का तेज बहाव है और बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई है।

बांध टूटने से हाईवे पर पहुंचा पानी

भारत-नेपाल सीमा के पास भीठ्ठा मोड़ इलाके में बांध टूट जाने से बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है। बांध टूटने के बाद पानी का रुख सीधे मुख्य सड़कों और बस्तियों की ओर हो गया, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग (हाईवे) पर जलजमाव हो गया है। वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है, और यात्रियों को घंटों फंसे रहना पड़ रहा है।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि समय पर बांध की मरम्मत नहीं की गई, जिसके कारण यह हादसा हुआ। अब ग्रामीणों ने तत्काल मरम्मत और राहत कार्य शुरू करने की मांग की है।

सुप्पी प्रखंड में घरों में घुसा बाढ़ का पानी

भारत-नेपाल सीमा से सटे सुप्पी प्रखंड के जमला परसा गांव में स्थिति सबसे अधिक गंभीर बताई जा रही है। लखनदेई नदी के उफान पर आने से बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया है।
ग्रामीणों को घर छोड़कर ऊंचे स्थानों या छतों पर शरण लेनी पड़ी है। खेतों में खड़ी फसलें डूब गई हैं, और पशुओं को बचाना मुश्किल हो गया है।

एक ग्रामीण ने बताया,

> “रातोंरात पानी इतनी तेजी से आया कि हमें संभलने का मौका ही नहीं मिला। अब घर, फसल और सामान सब पानी में डूब गए हैं।”

राहत और बचाव में जुटी एनडीआरएफ टीम

बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ की टीम तैनात कर दी है।
एनडीआरएफ के जवान नावों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। अब तक सैकड़ों लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला गया है।
टीम द्वारा बचाव कार्य के साथ-साथ घायलों को प्राथमिक उपचार भी दिया जा रहा है। हालांकि, लगातार बारिश और तेज धारा के कारण राहत कार्यों में बाधाएं आ रही हैं।

राहत शिविरों में व्यवस्था

प्रशासन ने राहत शिविरों की व्यवस्था की है, जहां खाने-पीने, दवाइयों और रहने की पूरी सुविधा दी जा रही है।
महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष इंतज़ाम किए गए हैं। प्रशासन ने दावा किया है कि किसी भी जरूरतमंद को बिना सहायता नहीं छोड़ा जाएगा। स्वयंसेवी संगठन भी मदद में जुटे हैं।

प्रशासन की अपील

सुप्पी के अंचल अधिकारी कृष्ण प्रताप सिंह ने बताया —

> “प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। एनडीआरएफ की टीम सक्रिय रूप से काम कर रही है। प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। हम मौसम विभाग से लगातार संपर्क में हैं और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त बल की मांग की जाएगी।”

उन्होंने लोगों से अपील की कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक जोखिम न लें।

निष्कर्ष:
सीतामढ़ी में बारिश और बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बांध टूटने से जहां हालात और बिगड़ गए हैं, वहीं एनडीआरएफ और प्रशासन राहत कार्य में जुटे हैं। फिलहाल, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे हालात और चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।

 

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