पटना:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के बाद एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक अहम बैठक बुलाई, जिसमें **सीट शेयरिंग और प्रत्याशी चयन को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक में जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, और पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। माना जा रहा है कि इस बैठक में एनडीए के भीतर सीट बंटवारे पर जेडीयू की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया।
जेडीयू नेताओं की अहम बैठक — दिल्ली में तय होगा फॉर्मूला
सूत्रों के अनुसार, जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा आज शाम दिल्ली रवाना होंगे, जहां वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे। बैठक में एनडीए घटक दलों — भाजपा, जेडीयू, हम और आरएलएम — के बीच सीट बंटवारे पर अंतिम सहमति बनने की उम्मीद है।
संजय झा ने बैठक के बाद मीडिया से कहा,
> “एनडीए में सीट शेयरिंग पर कोई विवाद नहीं है। अगले दो-तीन दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगा। इस बार हमारा प्रदर्शन 2010 से भी बेहतर रहेगा।”
सहयोगी दलों के बीच सक्रियता बढ़ी
भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान इन दिनों लगातार एनडीए के सहयोगी दलों से मुलाकात कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में पूर्व जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह, हम के संरक्षक जीतनराम मांझी और आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की थी।
वहीं, दिल्ली में एलजेपी(रामविलास) अध्यक्ष चिराग पासवान से भी धर्मेंद्र प्रधान की मुलाकात हुई है। इन बैठकों का मकसद एनडीए घटकों की सीटों की संख्या और प्रत्याशी चयन पर आम सहमति बनाना है।
उम्मीदवार चयन पर भी चर्चा
बैठक में इस बार नए चेहरों को मौका देने पर भी चर्चा हुई है। जेडीयू सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने अधिकांश सीटों पर संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली है। केवल कुछ विवादित सीटों पर चर्चा चल रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में पार्टी के 500 से अधिक कार्यकर्ताओं और नेताओं से फीडबैक लिया था। इनमें कई नेताओं ने खुद को प्रत्याशी बनाए जाने की दावेदारी भी की थी।
नीतीश कुमार का यह भी मानना है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में हारने वाले कई उम्मीदवारों के टिकट इस बार काटे जा सकते हैं, जबकि संगठन में सक्रिय और लोकप्रिय चेहरों को मौका मिलेगा।
कौन-कौन से सीटों पर बदलाव तय
हाल ही में परबत्ता सीट से जेडीयू विधायक संजय सिंह के राजद में शामिल होने के बाद वहां नया चेहरा मैदान में उतर सकता है।
मांझी सीट पर पिछले चुनाव में गौतम सिंह का टिकट काटा गया था, लेकिन इस बार उन्हें मौका मिलने की चर्चा है।
वहीं चकाई सीट से पिछली बार जेडीयू के टिकट पर संजय प्रसाद मैदान में थे, लेकिन अब निर्दलीय विधायक और मंत्री सुमित सिंह को पार्टी का टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा है।
डुमरांव में भी अंजुम आरा की जगह इस बार नया चेहरा लाने की तैयारी चल रही है।
2020 के खराब प्रदर्शन से सबक
पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू को महज़ 43 सीटों पर जीत मिली थी। पार्टी ने उस हार से सबक लेते हुए इस बार ग्राउंड लेवल फीडबैक और बूथ स्तर की समीक्षाओं पर विशेष ध्यान दिया है।
सूत्र बताते हैं कि इस बार टिकट बंटवारे में जातीय समीकरणों के साथ-साथ प्रदर्शन और संगठनात्मक मजबूती को प्राथमिकता दी जा रही है।
चुनावी कार्यक्रम — दो चरणों में मतदान
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे —
पहला चरण: 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान
दूसरा चरण: 11 नवंबर को 122 सीटों पर मतदान
मतगणना: 14 नवंबर को होगी
निष्कर्ष
एनडीए में सीट शेयरिंग पर अब सबकी नज़र दिल्ली की बैठक पर है। जेडीयू और भाजपा के बीच फॉर्मूला तय होते ही बाकी घटक दलों — हम, आरएलएम और एलजेपी(रामविलास) — की हिस्सेदारी स्पष्ट हो जाएगी।
अगर सबकुछ तय समय पर हो गया, तो आने वाले सप्ताह में एनडीए की पहली संयुक्त उम्मीदवार सूची जारी हो सकती है।
