डिजिटल युग में जहां सुविधाएं हमारी उंगलियों पर हैं, वहीं साइबर अपराधी लगातार भोले-भाले लोगों को निशाना बना रहे हैं। भागलपुर जिले के बाराहाट थाना क्षेत्र अंतर्गत इशीपुर के समानपुर गांव में रहने वाले अभय कापरी इसी तरह की ठगी का शिकार हो गए। मामूली से 8840 रुपये पाने के चक्कर में उन्होंने ढाई लाख रुपये गवां दिए।
घटना का सिलसिला
पीड़ित अभय कापरी ने साइबर थाने में दर्ज कराई प्राथमिकी में बताया कि उन्हें एक अज्ञात नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को “आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र” से जुड़ा बताते हुए कहा कि सरकार की ओर से उनके खाते में 8840 रुपये की राशि भेजी जा रही है। रकम पाने के लिए उन्हें कुछ प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
कॉल करने वाले की बातों पर भरोसा कर पीड़ित ने उसके बताए अनुसार कदम उठाए। जैसे-जैसे कॉल करने वाला निर्देश देता गया, अभय वैसा ही करते गए। इस प्रक्रिया में न तो उन्हें शक हुआ और न ही उन्होंने किसी से सलाह ली। थोड़ी देर बाद जब उन्होंने अपने खाते का बैलेंस चेक किया तो पाया कि खाते से कई बार में कुल मिलाकर करीब ढाई लाख रुपये की अवैध निकासी हो चुकी है।
धमकी तक पहुंचा मामला
धोखाधड़ी यहीं खत्म नहीं हुई। खाते से पैसे उड़ाने के बाद ठग ने अभय को उल्टे फोन कर धमकी देना शुरू कर दिया। ठग ने कहा कि यदि उसने शिकायत की तो साइबर थाने में केस कर फंसा दिया जाएगा। यह सुनकर पीड़ित पूरी तरह घबरा गए। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत जुटाई और सीधे साइबर थाने पहुंचे।
पुलिस की कार्रवाई
साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक कॉल डिटेल्स और ट्रांजेक्शन की जांच की जा रही है। प्राथमिक स्तर पर यह स्पष्ट हो चुका है कि ठगों ने किसी लिंक या ऐप डाउनलोड कराने के बहाने खाते की जानकारी और ओटीपी हासिल कर ली थी। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपितों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।
साइबर ठगों की बढ़ती करतूतें
भागलपुर सहित पूरे बिहार में पिछले कुछ समय से साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कभी बैंक खाते अपडेट करने के नाम पर तो कभी सरकारी योजना का लाभ दिलाने का झांसा देकर ठग लोगों की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर रहे हैं। अधिकतर मामलों में देखा गया है कि ठग ग्रामीण क्षेत्रों के अशिक्षित या तकनीकी रूप से कम जागरूक लोगों को निशाना बनाते हैं।
सतर्कता ही सुरक्षा
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोई अनजान व्यक्ति कॉल कर किसी भी प्रकार की योजना या राशि भेजने की बात करे तो तुरंत सावधान हो जाना चाहिए। किसी भी स्थिति में ओटीपी, एटीएम पिन या बैंक संबंधी जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा, संदिग्ध कॉल आने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन या नजदीकी साइबर थाने से संपर्क करना चाहिए।
निष्कर्ष
अभय कापरी का मामला एक और उदाहरण है कि किस तरह थोड़ी-सी लापरवाही और लालच भारी नुकसान का कारण बन सकता है। अब पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन यह घटना हर किसी के लिए सबक है कि डिजिटल सुविधा का लाभ उठाते समय सतर्कता और जागरूकता जरूरी है। वरना मामूली लालच में जिंदगी भर की पूंजी दांव पर लग सकती है।
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