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बिहार के नवादा जिले में साइबर अपराध की एक चौंकाने वाली और शर्मनाक घटना का पर्दाफाश हुआ है, जहां निःसंतान महिलाओं को मां बनाने के नाम पर युवाओं को झांसे में लेकर लाखों की ठगी की जा रही थी। नवादा पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में एक मुख्य आरोपी के साथ तीन नाबालिगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह “ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब” और “5G टेलिकॉम कंपनी” के नाम पर देशभर के लोगों को फंसाने का काम कर रहा था।

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एसपी के निर्देश पर SIT की कार्रवाई:
नवादा के पुलिस अधीक्षक अभिनव धीमान के निर्देश पर गठित विशेष जांच दल (SIT) ने साइबर डीएसपी प्रिया ज्योति के नेतृत्व में कार्रवाई को अंजाम दिया। जांच के दौरान प्रतिबिंब पोर्टल पर नजर आ रहे संदिग्ध नंबरों के आधार पर टीम ने नवादा जिला अंतर्गत रोह थाना क्षेत्र के कुंज गांव में छापेमारी कर मुख्य आरोपी राजेश कुमार को गिरफ्तार किया। साथ ही तीन विधि विरुद्ध बालकों (नाबालिगों) को हिरासत में लिया गया है।

‘प्रेग्नेंट जॉब’ के नाम पर साइबर जाल:
पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपी “ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब” नामक फर्जी संस्था और एक फर्जी 5G टेलिकॉम कंपनी के नाम का इस्तेमाल करता था। अखबारों और सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर लोगों को घर बैठे लाखों रुपये कमाने का झांसा दिया जाता था। खासकर बेरोजगार युवाओं को यह कहा जाता था कि उन्हें उन महिलाओं को गर्भवती करना है, जो संतान सुख से वंचित हैं। इस तथाकथित “सेवा” के बदले उन्हें हर महीने ₹22,500 से लेकर ₹75,500 तक देने का वादा किया जाता था।

मुफ्त लैपटॉप और मोबाइल का लालच:
गिरोह का सरगना राजेश कुमार युवाओं को मुफ्त लैपटॉप, मोबाइल फोन और ट्रेवल अलाउंस देने का भी लालच देता था, जिससे वे फौरन विश्वास कर लेते थे। साइबर ठगों का यह नेटवर्क न केवल बिहार, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय था। आरोपियों ने देश के विभिन्न राज्यों के सैकड़ों लोगों को इस ठगी का शिकार बनाया है।

तीन नाबालिग भी गिरफ्त में:
इस पूरे मामले में पुलिस ने तीन नाबालिगों को भी पकड़ा है, जिनमें दो की उम्र 17 साल और एक की 16 साल बताई जा रही है। उनके पास से पांच स्मार्टफोन और एक कीपैड मोबाइल बरामद किया गया है, जिनका उपयोग फर्जी कॉल, व्हाट्सऐप मैसेज और ऑनलाइन ठगी में किया जा रहा था।

साइबर थाना में मामला दर्ज:
पुलिस ने इस मामले में साइबर थाना में प्राथमिकी संख्या 85/25 दिनांक 07.06.2025 को दर्ज की है। आरोपियों के खिलाफ आईटी एक्ट सहित भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं 303(2)/318(2)/318(4)/319(2)/336(2)/336(3)/338/340(2)/111/61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

क्या कहा एसपी कार्यालय ने:
पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि “गठित SIT टीम द्वारा दिनांक 07.06.25 को प्रतिबिंब पोर्टल पर दिख रहे नंबरों के आधार पर कार्रवाई करते हुए रोह थाना अंतर्गत कुंज गांव से एक साइबर अपराधकर्मी को गिरफ्तार एवं तीन विधि विरुद्ध बालकों को निरुद्ध किया गया। ठगी के इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की भी पहचान की जा रही है।”

लोगों से पुलिस की अपील:
नवादा पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति, संस्था या कंपनी के झांसे में न आएं। कोई भी ऑफर, खासकर जब वह बहुत ज्यादा लाभ का वादा करता हो, तो उसकी सच्चाई की पूरी जांच करें। साथ ही ऐसे किसी भी संदिग्ध प्रस्ताव की सूचना तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम सेल को दें।

निष्कर्ष:
नवादा में उजागर हुआ यह साइबर ठगी मामला न केवल आपराधिक गतिविधि का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह अपराधी समाज की संवेदनशीलताओं को निशाना बनाकर ठगी का जाल फैलाते हैं। “प्रेग्नेंट जॉब” जैसी शर्मनाक और झूठी स्कीम के जरिए युवा बेरोजगारों को फंसाना न केवल अवैध है, बल्कि सामाजिक और नैतिक दृष्टि से भी बेहद खतरनाक है।

पुलिस की यह कार्रवाई काबिल-ए-तारीफ है, लेकिन अब जरूरत है जागरूकता फैलाने की, ताकि कोई और इस तरह के साइबर जाल में न फंसे। सोशल मीडिया, अखबारों या मोबाइल मैसेज के जरिए आने वाले अविश्वसनीय ऑफरों से सतर्क रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।

 

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By admin

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