सहरसा जिले के तिरंगा चौक पर उस वक्त सनसनी फैल गई, जब एक गर्भवती महिला का शव संदिग्ध अवस्था में बरामद किया गया। मृतका की पहचान प्रीति देवी के रूप में हुई है, जिनकी शादी आठ साल पहले सरोज यादव नामक युवक से हुई थी। सबसे दुखद बात यह है कि प्रीति सात महीने की गर्भवती थी और उसके दो छोटे बच्चे हैं—चार साल का बेटा और दो साल की बेटी।

मामले को लेकर मृतका के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि प्रीति के पति सरोज यादव ने उसे जबरन एक निजी क्लीनिक में गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया। इसी दौरान इलाज के नाम पर उसकी जान चली गई। परिजनों का यह भी आरोप है कि यह सिर्फ एक चिकित्सीय लापरवाही नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई हत्या है।
परिजनों ने दावा किया है कि सरोज यादव का अपनी भाभी के साथ अवैध संबंध था और वह पहले भी प्रीति को दहेज के लिए प्रताड़ित करता रहा है। आरोप यह भी है कि सरोज की यह दूसरी शादी थी। उसकी पहली पत्नी रसलपुर की रहने वाली थी और उससे भी एक बेटी है।
प्रीति के मायकेवालों का कहना है कि उनकी बेटी लगातार मानसिक और शारीरिक हिंसा की शिकार हो रही थी। इसके बावजूद वह अपने बच्चों और परिवार की खातिर सबकुछ सहती रही। लेकिन अंततः उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।
स्थानीय लोगों द्वारा सूचना दिए जाने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने बताया कि फिलहाल मामला संदिग्ध है और सभी एंगल से जांच की जा रही है।
परिजनों ने ससुराल पक्ष के सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि यह मामला क्या है
इस घटना ने इलाके में गहरा आक्रोश और शोक की लहर पैदा कर दी है। लोग प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे हैं। सहरसा पुलिस का कहना है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है।
फिलहाल, पूरा इलाका इस दर्दनाक घटना से स्तब्ध है और सभी की निगाहें पुलिस जांच की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे सच्चाई सामने आ सके और मृतका को न्याय मिल सके।
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