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बिहार के समस्तीपुर जिले से एक चौंकाने वाली और सनसनीखेज खबर सामने आई है। समस्तीपुर के मोहिउद्दीन नगर थाना क्षेत्र स्थित सस्पेंड एएसआई सरोज सिंह के घर से भारी मात्रा में अवैध हथियारों का जखीरा बरामद किया गया है। इस कार्रवाई को बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और जिला पुलिस ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया। हालांकि अभी भी छापेमारी और तलाशी अभियान जारी है।

फायरिंग से दहशत, फिर शुरू हुआ सर्च ऑपरेशन

बताया जा रहा है कि देर रात STF की टीम गुप्त सूचना के आधार पर सरोज सिंह के घर छापेमारी करने पहुंची थी। जैसे ही पुलिस दस्ते ने घर के पास पहुंचकर घेरेबंदी की, घर के अंदर से फायरिंग शुरू हो गई। इस अचानक हुई गोलीबारी से इलाके में दहशत फैल गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए STF की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गई। इसके बाद आसपास के कई थानों की पुलिस को मौके पर बुलाया गया और पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया।

हथियारों का जखीरा बरामद, लेकिन पुलिस की चुप्पी

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान पुलिस को सरोज सिंह के घर से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद मिला है। इसमें एके-47, एके-56, दोनाली बंदूक, तीन देसी पिस्तौल और लगभग 500 राउंड जिंदा कारतूस शामिल हैं। हालांकि, पुलिस की ओर से अब तक इस बरामदगी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। पुलिस का कहना है कि कार्रवाई अभी चल रही है और इसकी जानकारी पूरी प्रक्रिया के बाद ही दी जाएगी।

सस्पेंड एएसआई पर पहले से थे गंभीर आरोप

गौरतलब है कि सरोज सिंह को एक साल पहले निलंबित किया गया था। उस पर भारतीय सेना में अवैध तरीके से लोगों को नौकरी दिलवाने, आपराधिक गिरोहों से साठगांठ रखने और अवैध हथियारों की तस्करी करने जैसे संगीन आरोप हैं। निलंबन के बाद भी उस पर पुलिस की नजर बनी हुई थी और इसी के आधार पर STF ने यह बड़ी कार्रवाई की।

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चार लोग हिरासत में, पूरे गांव में अलर्ट

छापेमारी के दौरान सरोज सिंह सहित कुल चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। फिलहाल इन सभी से पूछताछ की जा रही है। मौके पर पटोरी मोहनपुर, मोहिउद्दीन नगर और विद्यापति नगर थानों की पुलिस के अलावा STF की टीम भी मौजूद है। कार्रवाई के चलते पूरे गांव में तनाव का माहौल है। जिला प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अपने-अपने घरों की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।

पुलिस अधिकारियों की चुप्पी, कार्रवाई जारी

इस पूरे मामले में अब तक पटोरी डीएसपी और समस्तीपुर के एसपी अशोक मिश्रा की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। एसपी का कहना है कि “अभी कार्रवाई चल रही है, इसलिए फिलहाल कोई जानकारी साझा नहीं की जा सकती।” उन्होंने बताया कि तलाशी अभियान पूरा होने के बाद ही सही तथ्य सामने लाए जाएंगे।


निष्कर्ष:
समस्तीपुर की यह घटना न केवल एक निलंबित पुलिस अधिकारी की अपराध में गहरी संलिप्तता को उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल खड़े करती है कि जब कानून के रक्षक ही कानून तोड़ने लगें, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी। STF की इस कार्रवाई ने एक बड़े आपराधिक नेटवर्क के पर्दाफाश की आशंका को जन्म दिया है, जिसकी गहराई में जाने की जरूरत है। आगे की जांच और बयान से ही साफ हो पाएगा कि इस मामले के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं।

 

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