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पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है, जो बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कार्यशैली पर सीधे सवाल खड़े करती है। राज्य शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. एस सिद्धार्थ ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि स्कूल में पढ़ाने के बजाय गप्पे मारने वाले शिक्षकों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी और उन्हें बॉर्डर इलाकों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। उन्होंने यह चेतावनी “शिक्षा की बात हर शनिवार” कार्यक्रम के 17वें एपिसोड में दी, जहां वे सीधे शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों के सवालों का जवाब दे रहे थे।

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गप्पबाज़ शिक्षकों पर होगी कार्रवाई

पटना के मृदहा टोली की निवासी नीना गुप्ता ने एसीएस को व्हाट्सएप पर एक शिकायत भेजी थी, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके बेटे के स्कूल में शिक्षक पढ़ाने की बजाय गप्पे लड़ाते हैं और छात्र पूरे दिन यूं ही खाली बैठे रहते हैं। इस पर डॉ. सिद्धार्थ ने नाराजगी जताते हुए तत्काल जांच का आदेश दिया और दोषी शिक्षकों को सीमावर्ती (बॉर्डर) इलाकों में स्थानांतरण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है कि शिक्षक अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ें।

ट्रांसफर में अब पारदर्शिता, नहीं चलेगी सिफारिश या घूसखोरी

कार्यक्रम में एक शिक्षक ने सवाल उठाया कि उन्हें ₹70,000 लेकर मनचाही पोस्टिंग दिलाने का झांसा दिया गया था। इस पर एसीएस डॉ. सिद्धार्थ ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि अब तबादले की प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित और कोडेड सॉफ्टवेयर के जरिए होती है, जिसमें न शिक्षक, न डीईओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी) और न ही कोई अन्य व्यक्ति हस्तक्षेप कर सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह एक प्रकार की साइबर ठगी है, जिससे सभी को सावधान रहना चाहिए।

समर कैंप से बच्चों को हो रहा लाभ

कार्यक्रम के दौरान एसीएस ने यह भी बताया कि समर कैंप में बच्चे खेल-खेल में गणित और अन्य विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं, जिससे उनकी शिक्षा की निरंतरता बनी हुई है। उन्होंने खुद भी समर कैंपों में भाग लेने की इच्छा जताई और इस प्रयास को सराहा।

मेडिकल लीव पर वेतन कटौती गलत

गोपालगंज की शिक्षिका राधिका शर्मा की शिकायत पर कि मेडिकल अवकाश लेने पर उनका वेतन काटा जा रहा है, एसीएस ने स्पष्ट कहा कि जब तक अवकाश ‘नो पे लीव’ (बिना वेतन अवकाश) न हो, तब तक वेतन में कटौती पूरी तरह गलत है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जांच कर उचित वेतन भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

वेतन विसंगतियों का समाधान और एरियर भुगतान का भरोसा

विशिष्ट शिक्षक सोनू मिश्रा ने वेतन में जिलावार अंतर की बात उठाई। इस पर एसीएस ने कहा कि विभाग का प्राथमिक उद्देश्य सभी शिक्षकों को समय पर और उचित वेतन देना है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जहां भी विसंगतियां हैं, उनकी समीक्षा कर जल्द सुधार किया जाएगा और जितना भी एरियर बनेगा, उसका भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

स्कूल भवन निर्माण में देरी पर जताई नाराजगी

पूर्णिया जिले के उत्क्रमित उच्च विद्यालय महावला के विज्ञान शिक्षक ने बताया कि उनके स्कूल की इमारत पिछले पांच वर्षों से अधूरी पड़ी है, जिससे करीब 700 छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इस पर एसीएस ने कहा कि यह स्थिति अस्वीकार्य है और उन्होंने तुरंत कार्यपालक अभियंता को सोमवार को निरीक्षण के लिए भेजने का निर्देश दिया।

रिक्त पदों की गलत रिपोर्टिंग पर सख्ती

मधुबनी से एक नागरिक ने शिकायत की कि टोला सेवक और मरकज सेवक की कई सीटें खाली हैं, फिर भी संबंधित अधिकारी शून्य रिक्ति की रिपोर्ट भेज रहे हैं, जिससे बहाली प्रक्रिया अटक गई है। एसीएस ने बताया कि जहां हाईकोर्ट में मामला लंबित नहीं है, वहां बहाली प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। साथ ही, अगले सप्ताह इस विषय की विशेष समीक्षा की जाएगी।


निष्कर्ष: सुधार की दिशा में शिक्षा विभाग की नई पहल

डॉ. एस सिद्धार्थ द्वारा “शिक्षा की बात हर शनिवार” में दिए गए ये निर्देश और जवाब न केवल शिक्षकों को जिम्मेदारी का एहसास दिलाते हैं, बल्कि छात्रों और अभिभावकों का विश्वास भी जीतते हैं। लापरवाह शिक्षकों को दंड और समर्पित शिक्षकों को सहयोग देने की यह नीति बिहार की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। पारदर्शिता, जवाबदेही और तकनीकी माध्यमों से प्रणाली में सुधार लाना अब शिक्षा विभाग की प्राथमिकता बन चुकी है।

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By admin

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