शादीशादी

 



भागलपुर जिले के वार्ड नंबर 21, डी.एन. सिंह घाट रोड से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न केवल एक प्रेम कहानी को तोड़ दिया, बल्कि पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया। एक ऐसी घटना जिसने शादी के खुशी के माहौल को एक झटके में मातम में बदल दिया

दीपा नाम की युवती, जो वार्ड नंबर 21 की रहने वाली है, पिछले पांच वर्षों से मधेपुरा जिले के चौसा निवासी सानू कुमार नाम के युवक से प्रेम करती थी। इन दोनों की पहली मुलाकात 2021 में फेसबुक के माध्यम से हुई थी। सोशल मीडिया पर शुरू हुई बातचीत जल्द ही दोस्ती में बदली और फिर दोनों का रिश्ता प्रेम में बदल गया।

धीरे-धीरे इनका प्रेम इतना गहरा हो गया कि दोनों ने साथ जीने-मरने की कसमें खा लीं। दीपा और सानू ने अपने रिश्ते को सामाजिक मान्यता देने के लिए विवाह करने का फैसला लिया। परिवारवालों की सहमति के साथ शादी की तारीख 1 जून 2025 तय की गई।

शादी
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शादी की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। घर में मेहमानों की चहल-पहल थी, टेंट सज चुका था, मंडप में फूलों की सजावट हो चुकी थी, गांव वालों ने खाना खा लिया था, बैंड-बाजा भी बज रहा था। चारों ओर खुशी और उत्सव का माहौल था।

लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ जिसने सभी को चौंका दिया। जब दुल्हन दीपा विवाह की रस्मों के लिए मंडप पर पहुंची, तो वहां दूल्हा यानी सानू गायब था। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर सानू कहां चला गया।

सानू के करीबी दोस्त अमित ने जब मंडप पर आकर पूछा, “सानू कहां है?” तो सबके चेहरे पर हैरानी साफ नजर आई। सानू की तलाश शुरू हुई। उसे फोन किया गया, लेकिन उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ मिला।

घंटों की तलाश और फोन कॉल्स के बाद जब आखिरकार उसका मोबाइल ऑन हुआ, तो उसने फोन पर एक चौंकाने वाला दावा किया। सानू ने कहा कि वह “किडनैप” हो गया था।

यह सुनकर हर कोई सकते में आ गया। क्या कोई सच में उसे उठा ले गया था? या यह सिर्फ एक बहाना था? दीपा, जिसकी आंखों में शादी के सपने थे, अब आंसुओं में डूबी हुई थी।

दीपा ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
*”हम पांच सालों से एक-दूसरे से प्रेम करते थे। हमने साथ जीने-मरने की कसम खाई थी। मुझे विश्वास था कि सानू मुझे अपना बनाएगा, लेकिन शादी के दिन ही वह भाग गया। मुझे लगा मैं उसके बिना नहीं रह पाऊंगी, इसलिए शादी का फैसला लिया था।”*

इस घटना के बाद पूरा गांव सदमे में था। लोग जो कुछ घंटे पहले शादी की खुशियों में डूबे थे, अब एक-दूसरे से पूछ रहे थे – “आखिर ऐसा क्या हुआ कि लड़का मंडप से भाग गया?”

सुबह करीब 8 बजे जब सानू कुमार वापस अपने घर लौटा, तो गांववालों ने उसे घेर लिया। सभी के मन में सवालों की झड़ी थी। सानू से पूछा गया – “अगर किडनैप हुआ था तो पुलिस को क्यों नहीं बताया?”, “कहां से और कैसे छूटकर आया?”, “क्या यह कोई बहाना है?”

काफी सवालों के बाद सानू ने कहा,
*”आगे से ऐसी गलती नहीं होगी।”*

यह जवाब सुनकर लोगों का गुस्सा और भी बढ़ गया। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि यह मज़ाक था या गंभीर मामला।

इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए वार्ड नंबर 21 के पार्षद **संजय सिंह** भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने दर्जनों ग्रामीणों के साथ मिलकर इस मामले को गंभीरता से लिया।

संजय सिंह ने कहा,
*”इस मामले में हम सानू कुमार के माता-पिता को बुलाएंगे और समाज के सामने बुढ़ानाथ मंदिर में दोनों की शादी करवाई जाएगी। इससे दीपा की इज्जत और भावनाएं सुरक्षित रहेंगी।”*

ग्रामीणों ने भी इस फैसले का समर्थन किया। उनका कहना था कि पांच साल तक प्रेम करने के बाद शादी के दिन इस तरह से भाग जाना न सिर्फ लड़की के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाता है, बल्कि पूरे समाज के लिए भी शर्मनाक स्थिति पैदा करता है।

इस घटना ने न सिर्फ दीपा और सानू की प्रेम कहानी को एक त्रासदी में बदल दिया, बल्कि समाज में यह सवाल भी खड़ा कर दिया कि आज के युवा क्या वास्तव में रिश्तों और जिम्मेदारियों को समझते हैं?

कई ग्रामीणों ने इस पर चिंता जताई कि आज की पीढ़ी सोशल मीडिया पर तो रिश्ते बना लेती है, लेकिन जब बात निभाने की आती है, तो पीछे हट जाती है।

इस मामले में पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। अगर वाकई किडनैपिंग हुई थी, तो क्यों इसकी सूचना थाने में नहीं दी गई? क्या यह एक सुनियोजित योजना थी या डर के चलते लड़का भाग गया?

अब गांव और परिजन समाज के सामने सानू और दीपा की शादी करवाने की बात कर रहे हैं। दीपा की इज्जत और भविष्य को ध्यान में रखते हुए पंचायत का हस्तक्षेप भी संभव है।

यह मामला न सिर्फ एक प्रेम कहानी का अंत है, बल्कि यह सामाजिक चेतना, जिम्मेदारी और भावनात्मक ईमानदारी पर भी सवाल खड़ा करता है।

आज जब युवा रिश्तों को लेकर अधिक स्वतंत्र हैं, तो क्या उन्हें उसी अनुपात में जिम्मेदार भी होना चाहिए? क्या किसी के जीवन से यूं खिलवाड़ करना केवल “गलती” कहकर टाल दिया जा सकता है?

दीपा अभी भी अपने भविष्य को लेकर असमंजस में है, और गांव इस घटना को कभी नहीं भूल पाएगा। यह कहानी उस उम्मीद और विश्वास की है जो टूट गई, उस प्यार की है जो अधूरा रह गया।

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