पिछले 18 महीनों से वेतन नहीं मिलने से नाराज़ भागलपुर वन प्रमंडल के अंतर्गत कार्यरत दर्जनों पशु रक्षकों ने शुक्रवार को विभाग के मुख्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में नवगछिया, कहलगांव सहित विभिन्न प्रखंडों से आए पशु रक्षकों ने भाग लिया और अपनी पीड़ा अधिकारियों तक पहुंचाने की कोशिश की।
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि लगातार वेतन न मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। परिवार का भरण-पोषण मुश्किल हो गया है और रोजमर्रा की जरूरतें भी कर्ज लेकर पूरी करनी पड़ रही हैं। कई पशु रक्षकों ने कहा कि वे बच्चों की फीस तक नहीं भर पा रहे हैं, घर का किराया और बिजली का बिल तक बकाया हो गया है।
पशु रक्षकों ने आरोप लगाया कि जब भी वे अधिकारियों से वेतन के बारे में जानकारी लेने जाते हैं, उन्हें केवल आश्वासन ही मिलता है। कभी दो दिन का समय मांगा जाता है, तो कभी कहा जाता है कि फंड रिलीज़ होने वाला है, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।

गौरतलब है कि ये सभी पशु रक्षक वन विभाग द्वारा सड़क किनारे लगाए गए पौधों और वृक्षों की देखभाल करते हैं। उनका मुख्य कार्य पौधों की सिंचाई, देखभाल, सुरक्षा और निगरानी करना है। भीषण गर्मी और बारिश के मौसम में भी ये कर्मचारी पूरी निष्ठा से अपनी ड्यूटी निभाते हैं, लेकिन जब मेहनत की कमाई ही समय पर न मिले तो हताशा स्वाभाविक है।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही उनका बकाया वेतन नहीं दिया गया तो वे सामूहिक रूप से कार्य बहिष्कार करेंगे और आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार वे सिर्फ आश्वासन से संतुष्ट नहीं होंगे, जब तक वेतन उनके खाते में नहीं पहुंचता, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
वन विभाग के अधिकारियों की ओर से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
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