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पटना:
लालू प्रसाद यादव के परिवार में इन दिनों जबरदस्त राजनीतिक और पारिवारिक हलचल मची हुई है। वजह है उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव के बीच कथित प्रेम संबंध। इस रिश्ते को लेकर शुरू हुआ विवाद अब सियासी मोड़ ले चुका है, जो थमने की बजाय और तेज होता जा रहा है।

तेज प्रताप का निष्कासन

इस पूरे प्रकरण की शुरुआत तब हुई जब तेज प्रताप यादव ने अनुष्का यादव के साथ अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया। इस वीडियो में उन्होंने दावा किया कि उनका और अनुष्का का रिश्ता 12 साल पुराना है। इस पोस्ट ने बिहार की राजनीति में मानो भूचाल ला दिया। हालांकि बाद में तेज प्रताप ने सफाई देते हुए कहा कि उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गया था।

लेकिन मामला यहीं नहीं रुका। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने तेज प्रताप के इस कदम को अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। इतना ही नहीं, उन्हें परिवार से भी बाहर कर दिया गया।

अनुष्का के भाई की प्रतिक्रिया

लालू यादव के इस फैसले पर अनुष्का यादव के भाई आकाश यादव ने खुलकर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि तेज प्रताप की कोई गलती नहीं है और उन्हें पार्टी से निकालना अनुचित है। आकाश का यह बयान राजनीतिक गलियारों में तेजी से वायरल हुआ।

इस बयान के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी रालोजपा ने आकाश यादव को भी पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। इसके बाद यह विवाद सिर्फ दो परिवारों के बीच का न रहकर एक सियासी मुद्दा बन गया।

अनुष्का के मामा फनी यादव की एंट्री

अब इस विवाद में अनुष्का यादव के मामा प्रोफेसर फनी भूषण यादव की भी एंट्री हो गई है। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने लालू यादव के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं।

फनी यादव ने कहा,
“अब लव मैरिज कोई बड़ी बात नहीं है। जब लड़का-लड़की बालिक हैं तो उन्हें अपने तरीके से जीने का हक है, जो संविधान भी देता है। मेरी भगिनी की बेटी अनुष्का का अगर तेज प्रताप से प्रेम संबंध है तो उसे गलत नहीं माना जा सकता। लालू जी को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए था।”

फनी यादव ने यह भी कहा कि उनकी फैमिली भी एक प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी की फैमिली है और इस पूरे मामले को बैठकर सुलझाया जा सकता था।

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तेजस्वी बनाम तेज प्रताप का प्रेम प्रसंग

प्रोफेसर फनी यादव ने लालू यादव के दोहरे मापदंडों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब तेजस्वी यादव का प्रेम प्रसंग और बाद में विवाह स्वीकार किया गया, तो तेज प्रताप को क्यों नहीं? उन्होंने पूछा कि क्या यह न्याय है कि एक बेटे को गले लगाकर आगे बढ़ाया जाए और दूसरे को निष्कासित कर दिया जाए?

लालू यादव के साले भी तेज प्रताप के पक्ष में

तेज प्रताप यादव को लेकर लालू यादव के साले और राबड़ी देवी के भाई सुभाष यादव ने भी आवाज उठाई है। उन्होंने तेज प्रताप को परिवार और पार्टी से निकालने के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया और कहा कि वे अपने भांजे तेज प्रताप के साथ खड़े हैं।

लालू परिवार में फूट के संकेत

यह पूरा मामला सिर्फ एक प्रेम प्रसंग का नहीं, बल्कि लालू परिवार की अंदरूनी राजनीति और सत्ता संघर्ष का प्रतीक बनता जा रहा है। जहां एक ओर तेजस्वी यादव को पार्टी की कमान दी गई है, वहीं तेज प्रताप को बार-बार हाशिये पर धकेला जा रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आरजेडी की छवि और लालू यादव की पारिवारिक साख दोनों पर असर डाल सकता है। अगर समय रहते इस मुद्दे को सुलझाया नहीं गया तो इसका असर 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिल सकता है।

निष्कर्ष

तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव का मामला अब सिर्फ एक निजी रिश्ता नहीं रहा, बल्कि यह बिहार की राजनीति का संवेदनशील मुद्दा बन गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि लालू यादव इस संकट को कैसे संभालते हैं — एक पिता, एक नेता और एक समाजवादी सोच के प्रतीक

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