बिहार के सिवान जिले में शुक्रवार की शाम एक जमीन विवाद ने हिंसक मोड़ ले लिया, जब पचरुखी थाना क्षेत्र के हरदिया गांव में हुए गोलीकांड में तीन सगे भाइयों को निशाना बनाया गया। इस घटना में एक भाई की मौत हो गई, जबकि दो अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। गांव में इस वारदात के बाद तनाव का माहौल है और पुलिस अतिरिक्त बल तैनात कर स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी हुई है।

शुक्रवार की शाम हरदिया गांव में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक पक्ष ने अचानक दूसरे पक्ष के घर पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी। यह हमला उस वक्त हुआ जब इंजत खान का परिवार अपने घर में मौजूद था। हमले में इंजत खान के तीन बेटे – इरशाद खान (28), कैफ खान और अजमत खान – गंभीर रूप से घायल हो गए। ग्रामीणों ने फायरिंग की आवाज सुनी तो मौके पर दौड़े, लेकिन तब तक हमलावर हथियार लहराते हुए भाग चुके थे।
घायलों को आनन-फानन में सिवान सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने इरशाद खान को मृत घोषित कर दिया। कैफ और अजमत की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) रेफर किया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह फायरिंग लंबे समय से चल रहे जमीन विवाद की देन है। गांव के ही कमल नामक व्यक्ति, जिसे ग्रामीण ‘जमीन माफिया’ के तौर पर जानते हैं, ने हाल ही में एक जमीन का सौदा किया था। हालांकि, इंजत खान का परिवार इस जमीन पर कब्जा करने का विरोध कर रहा था। इसी विरोध ने धीरे-धीरे विवाद का रूप ले लिया और शुक्रवार को इसने खूनी संघर्ष का चेहरा ओढ़ लिया।
बताया जा रहा है कि कमल के भतीजों और उसके समर्थकों ने इंजत खान के घर पर हमला किया, जिसमें इरशाद की जान चली गई। यह हमला पहले से सोची-समझी साजिश की तरह किया गया, जिसमें पूरी तैयारी के साथ हथियारों का इस्तेमाल हुआ।
घटना की जानकारी मिलते ही पचरुखी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभालने की कोशिश की। थाना प्रभारी सन्नी कुमार ने बताया कि मामला पूरी तरह से जमीन विवाद से जुड़ा है। पुलिस ने इरशाद के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और घायलों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और पुलिस की टीम संदिग्धों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, जिससे ग्रामीणों में डर और गुस्से का माहौल है। तनाव को देखते हुए गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे।
हर शनिवार को सिवान जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में भूमि विवादों को निपटाने के लिए “जनता दरबार” लगाया जाता है, जिसमें थाना प्रभारी, अंचलाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहते हैं। लेकिन इसके बावजूद जमीन से जुड़ी हिंसक घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। हरदिया की यह घटना एक बार फिर प्रशासनिक प्रणाली और जनता दरबार की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर रही है।
गांव के लोगों का कहना है कि जमीन विवाद की शिकायत पहले भी प्रशासन तक पहुंचाई गई थी, लेकिन समय पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब जब एक युवक की जान जा चुकी है और दो अन्य अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं, तब प्रशासन हरकत में आया है। ग्रामीणों ने दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग की है। साथ ही प्रशासन से यह भी गुहार लगाई है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए कारगर कदम उठाए जाएं।
थाना प्रभारी सन्नी कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, “हरदिया गांव में जमीन विवाद को लेकर फायरिंग की गई है। एक पक्ष द्वारा खरीदी गई जमीन पर दूसरे पक्ष ने कब्जा रोकने की कोशिश की थी, जिसको लेकर हमला हुआ। इस घटना में तीन लोगों को गोली लगी, जिनमें से एक की मौत हो गई है। मामले की जांच चल रही है, और जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
हरदिया गांव की यह घटना न केवल एक परिवार को तबाह कर गई, बल्कि यह भी दर्शाती है कि बिहार में भूमि विवाद किस हद तक हिंसक हो सकते हैं। प्रशासन को न केवल सख्ती से ऐसे मामलों की निगरानी करनी होगी, बल्कि जनता दरबार जैसी पहल को वास्तव में कारगर बनाने की दिशा में ठोस कदम भी उठाने होंगे। वरना ऐसी घटनाएं यूं ही होती रहेंगी, और लोग यूं ही अपनी जान गंवाते रहेंगे।
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