हाइलाइट्स
- मेट्रो अब ट्रांसपोर्ट से ज्यादा ‘वायरल कंटेंट हब’ बन गई है
- कोई डांस कर रहा है, कोई गा रहा है, तो कोई स्किनकेयर कर रहा
- हाल ही में महिला का फेस मास्क लगाकर सफर करना हुआ वायरल
- सोशल मीडिया पर वीडियो को लेकर मिल रही मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
दिल्ली मेट्रो, जो कभी सिर्फ एक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम मानी जाती थी, आजकल सोशल मीडिया का नया स्टूडियो बनती जा रही है। पहले जहां मेट्रो में लोगों के बीच सीट के लिए बहस और झगड़े आम थे, अब वहां हर रोज कोई न कोई अपनी “रील लाइफ” के लिए कुछ नया करने में जुटा दिखता है।
दिल्ली मेट्रो के कोच अब केवल सफर करने की जगह नहीं रह गए हैं, बल्कि कुछ लोगों के लिए ये एक पर्सनल थिएटर, डांस फ्लोर, मेकअप रूम और यहां तक कि भजन-कीर्तन स्थल बन गए हैं।

डांस, गाना और रील्स का नया हब
आजकल आप मेट्रो में सफर करते समय अक्सर किसी को गिटार बजाते, गाना गाते या डांस करते हुए देख सकते हैं। ‘गेट रेडी विथ मी’ टाइप की रील्स बनाना एक ट्रेंड बन चुका है। महिलाओं का मेकअप करते हुए कैमरे में मुस्कुराना और युवाओं का ग्रुप बनाकर मस्ती करना, सब अब आम नजारा हो गया है।
कुछ लोग इसे आत्म-अभिव्यक्ति का प्लेटफॉर्म मानते हैं तो कुछ इसे दूसरों की निजता और सार्वजनिक परिवहन की मर्यादा के खिलाफ बताते हैं।
फेस मास्क वाली महिला का वायरल वीडियो
अब हाल ही में सोशल मीडिया पर एक नया वीडियो सामने आया है जिसने लोगों का ध्यान खींचा है। वीडियो में एक महिला दिल्ली मेट्रो के जनरल कोच में खड़ी है, और उसने अपने चेहरे पर फेस शीट मास्क लगाया हुआ है।
यह फेस मास्क स्किनकेयर का हिस्सा होता है और आमतौर पर इसे लोग अपने घरों में लगाते हैं। लेकिन इस महिला ने सार्वजनिक परिवहन में खड़े होकर ही अपना स्किन रूटीन जारी रखा और एक कोने में खड़े होकर शांति से किताब पढ़ती रही।
इस वीडियो को इंस्टाग्राम पर ‘@thedopeindian’ नामक यूजर ने पोस्ट किया और देखते ही देखते यह वायरल हो गया। वीडियो को अब तक 8 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है और इस पर हजारों कमेंट्स भी आ चुके हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
इस वीडियो पर लोगों की राय बंटी हुई नजर आई।
एक यूजर ने लिखा, “वीडियो बनाने वाले को अपने काम से काम रखना चाहिए। चाहे मेट्रो में कोई कुछ भी कर रहा हो।”
दूसरे यूजर ने कहा, “वो किसी को डिस्टर्ब नहीं कर रही थी, शांति से अपने काम में लगी थी।”
वहीं कुछ लोगों का मानना है कि ये सब दिखावा है और महिला ने जानबूझकर ऐसा किया ताकि वो वायरल हो सके।
एक यूजर ने व्यंग्यात्मक लहजे में लिखा, “लगता है अब मेट्रो में फेस मास्क के साथ-साथ पैडीक्योर और फेशियल भी शुरू हो जाएंगे!”
कुछ लोगों ने इस वीडियो को मजेदार बताया तो कुछ ने कहा कि ये “शहर की नई संस्कृति” बनती जा रही है, जहां हर चीज को ‘कंटेंट’ में बदल दिया गया है।
मेट्रो प्रशासन की चुप्पी
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) की ओर से ऐसे मामलों पर आमतौर पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाती जब तक सार्वजनिक शांति भंग न हो। लेकिन यह चिंता का विषय है कि मेट्रो का उपयोग जिस अनुशासन और शालीनता के लिए जाना जाता था, वह धीरे-धीरे सोशल मीडिया की सनक में कहीं गुम होता जा रहा है।
मानसिकता में बदलाव की ज़रूरत
दरअसल, यह पूरा ट्रेंड यह दिखाता है कि कैसे सोशल मीडिया के ‘लाइक’ और ‘व्यूज़’ की चाह में लोग सार्वजनिक स्थानों की गरिमा भूलते जा रहे हैं। फेस मास्क लगाना कोई गुनाह नहीं, लेकिन क्या यह जरूरी था कि इसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट में किया जाए?
मेट्रो जैसे जगहों पर सभी वर्ग और उम्र के लोग यात्रा करते हैं – किसी के लिए वह ऑफिस जाने का साधन है, किसी के लिए स्कूल-कॉलेज का रास्ता। ऐसे में जब कोई व्यक्ति कैमरा लेकर बीच मेट्रो में डांस करने लगता है, या कोई फेस मास्क लगाकर खड़ा हो जाता है, तो यह बाकी यात्रियों के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है।
निष्कर्ष
दिल्ली मेट्रो अब एक साधारण यात्रा का जरिया नहीं रह गई है। यह अब एक डिजिटल स्टेज बन चुकी है जहां हर कोई ‘परफॉर्म’ करना चाहता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि मेट्रो अब Reel लाइफ का Real Platform बन चुकी है।
लेकिन सवाल ये है – क्या यह आज़ादी का सही इस्तेमाल है? या फिर सार्वजनिक परिवेश की मर्यादा के साथ किया जा रहा खिलवाड़?
सोशल मीडिया की इस रेस में भागते हुए अगर हम यह भूल जाएं कि पब्लिक स्पेस सबके लिए है, तो शायद समय आ गया है कि मेट्रो प्रशासन को कुछ सख्त कदम उठाने चाहिए — ताकि मेट्रो फिर से ट्रैवल का साधन बने, न कि स्टेज शो का।
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