भागलपुर: बिहार की राजनीति में इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के भागलपुर जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद यादव का एक वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे एक दावत के दौरान गिलास में कोई पेय पदार्थ छलकाते नजर आ रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि यह वीडियो उस वक्त सामने आया जब उन्हें जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दोबारा नहीं, बल्कि तीसरी बार सौंपी गई है। महज तीन दिन पहले उन्होंने औपचारिक रूप से पदभार संभाला था।
वीडियो ने मचाया सियासी तूफान
वायरल हो रहा यह वीडियो करीब 23 सेकंड का है और बताया जा रहा है कि यह सुल्तानगंज क्षेत्र के किसी निजी आयोजन का है। वीडियो में चंद्रशेखर यादव एक टेबल के पास खड़े दिखते हैं, जहां कुछ अन्य लोग भी मौजूद हैं। वे गिलास में कोई तरल पदार्थ भरते और छलकाते नजर आ रहे हैं। इसी दौरान एक स्थानीय पत्रकार की आवाज भी सुनाई देती है, जो कहता है, “इसे जल्दी खत्म कीजिए, क्योंकि हमें सारा सामान यहां से हटाना है।”
इस वीडियो को मोबाइल फोन से रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर किसी ने अपलोड कर दिया, जिसके बाद यह तेजी से वायरल हो गया। वीडियो के सामने आते ही स्थानीय राजनीति में हलचल मच गई है और पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर विरोधी खेमा तक हर कोई इस पर प्रतिक्रिया दे रहा है।
जिलाध्यक्ष की सफाई
वीडियो वायरल होने के बाद चंद्रशेखर यादव ने स्पष्ट रूप से अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा, “यह विपक्ष की साजिश है। मेरे हाथ में शराब नहीं, बल्कि पानी का गिलास था। वीडियो को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है ताकि मेरी छवि खराब की जा सके।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि जिस आयोजन की बात की जा रही है, वह एक पारिवारिक समारोह था और वहां किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि नहीं हुई। जिलाध्यक्ष ने यह अपील भी की कि बिना सत्यता की पुष्टि किए किसी भी वीडियो को फैलाना गलत है और इससे समाज में भ्रम की स्थिति पैदा होती है।
पार्टी के लिए असहज स्थिति
हालांकि अभी तक राष्ट्रीय जनता दल की ओर से इस वीडियो पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व इस पूरे घटनाक्रम से चिंतित है। एक ओर जहां पार्टी के कुछ नेता इसे विपक्षी दलों द्वारा रची गई साजिश बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ नेताओं का मानना है कि इस तरह की घटनाएं पार्टी की साख को नुकसान पहुंचा सकती हैं, खासकर तब जब विधानसभा चुनावों की आहट सुनाई दे रही हो।
सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग जिलाध्यक्ष की आलोचना कर रहे हैं तो कुछ उनके बचाव में खड़े नजर आ रहे हैं। कई यूजर्स ने यह भी लिखा है कि “राजनीति में नैतिकता का स्तर गिरता जा रहा है” तो कुछ ने यह कहा कि “यदि वीडियो की सच्चाई जांची जाए और दोषी पाए जाएं तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राजनीति में नैतिक आचरण और जवाबदेही जैसी चीजें सिर्फ किताबों तक सीमित रह गई हैं?
वीडियो की सत्यता पर अब भी सवाल
हालांकि वीडियो की सत्यता की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। न तो यह साफ हो पाया है कि वीडियो में दिखाई दे रहा तरल पदार्थ वास्तव में क्या था, और न ही यह कि वीडियो के पीछे कोई षड्यंत्र है या नहीं।
इस मामले को लेकर प्रशासनिक स्तर पर कोई जांच की बात सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यदि विवाद बढ़ा तो पार्टी स्तर पर आंतरिक जांच हो सकती है।
निष्कर्ष
भले ही चंद्रशेखर यादव ने सफाई दे दी हो, लेकिन इस तरह की घटनाएं किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए असहज स्थिति उत्पन्न करती हैं। खासकर तब, जब सोशल मीडिया का दौर है और एक छोटी सी चूक भी बहुत बड़ा मुद्दा बन सकती है। फिलहाल देखना यह होगा कि इस वायरल वीडियो की जांच होती है या यह महज सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनकर रह जाता है।
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