T20 वर्ल्ड कप 2024 में ऑस्ट्रेलिया को हराकर अफगानिस्तान ने सिर्फ इतिहास ही नहीं रचा है. बल्कि अपने अपमान का बदला भी ले लिया है. दरअसल, अफगानिस्तान बार-बार ऑस्ट्रेलिया को बाइलेटरल सीरीज के लिए मना रहा था. लेकिन, जब भी अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ती क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया उसे टाल देती. अफगानिस्तान क्रिकेट के साथ क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के इस रवैए की वजह भी हर बार एक ही होती, उसका तालिबानी रोना. अब तक 3 बार ऑस्ट्रेलिया तालिबान और खेलों में उसके लगाए प्रतिबंध का हवाला देकर अफगानिस्तान के साथ क्रिकेट सीरीज खेलने से इनकार कर चुका था
ऐसे में जब बाइलेटरल सीरीज के मुद्दे से हटकर ICC के न्यूट्रल प्लैटफॉर्म पर दोनों टीमों का आमना-सामना हुआ तो उसमें अफगानिस्तान की जीत को ऑस्ट्रेलिया से लिए बदले के तौर पर भी देखा जा रहा है. इस जीत के साथ अफगानिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया को ये बताने की कोशिश की है कि वो इतनी भी कमजोर नहीं कि वो उसके साथ एक सीरीज ना खेल सकें.
आईए पहले आपको जरा ये बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान के साथ बाइलेटरल सीरीज या मैच खेलने के प्रस्ताव को ठुकराया कब-कब है? ऐसा अब तक 3 बार हो चुका है. पहली बार साल 2021 में ऑस्ट्रेलिया ने होबार्ट में अफगानिस्तान के साथ होने वाले एकमात्र टेस्ट मैच को रद्द कर ऐसा किया था. इसके बाद दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया ने मार्च 2023 में अफगानिस्तान के साथ यूएई में 3 वनडे मैचों की सीरीज खेलने से इनकार किया. और, अब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अगस्त 2024 में होने वाली T20 सीरीज भी अफगानिस्तान के साथ टाल दी है.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अफगानिस्तान के साथ सीरीज रद्द करने के सारे फैसलों के पीछे बस एक वजह रही तालिबानी हुकूमत, जिसका पता उसकी ओर से जारी किए बयान से भी चलता है. दरअसल, तालिबान ने खेलों में महिलाओं की भागीदारी पर प्रतिबंध लगा रखा है. जबकि, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का कहना है कि वो इसे बढ़ावा देने की पक्षधर हैं. अफगानिस्तान से अगस्त 2024 में होने वाली T20 सीरीज टालते हुए ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि वो भविष्य में इस पर अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के साथ मिलकर काम करने पर विचार करेगा.
भले ही ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान से बाइलेटरल सीरीज ना खेले. लेकिन, ICC टूर्नामेंट्स में तो खेलना ही होगा. और, जब ICC T20 वर्ल्ड कप 2024 में दोनों टीमों का आमना-सामना हुआ तो अफगानिस्तान ने बता दिया कि उन्हें हराना आसान नहीं. वो इतने भी कमजोर टीम नहीं है कि जिनके साथ सीरीज को हल्के में लिया जाए. ऑस्ट्रेलिया को अपनी जीत के साथ अफगानिस्तान ने ये पाठ तो पढ़ाने की कोशिश की होगी, अब देखना ये है कि उसका असर ऑस्ट्रेलियाई टीम पर कितना हुआ होगा? क्या वो आगे अफगानिस्तान से बाइलेटरल सीरीज खेलने के अपने फैसले पर विचार करेंगे?
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