बिहार में मौसम की मार एक बार फिर कहर बनकर टूटी है। राज्य के अलग-अलग जिलों में बीते 24 घंटे के भीतर वज्रपात (आकाशीय बिजली) की चपेट में आने से सात लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग झुलसकर घायल हो गए हैं। ये घटनाएं बक्सर, बगहा और रामनगर क्षेत्रों की हैं। सभी घटनाओं ने न सिर्फ मृतकों के परिवारों को सदमे में डाल दिया है, बल्कि पूरे इलाके में भय और शोक की लहर दौड़ गई है।

बक्सर में चार की मौत, गांव में मचा कोहराम
बक्सर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत चौसा और राजपुर थाना क्षेत्र में सोमवार को वज्रपात से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं। सबसे हृदयविदारक घटना चौसा क्षेत्र की है, जहां गंगा नदी के तट पर बैठे मजदूरों पर बिजली गिर पड़ी। इस हादसे में एक मवेशी सहित कुल छह लोग इसकी चपेट में आ गए।
घटना की जानकारी के अनुसार, चौसा में गंगा नदी के किनारे करीब आधा दर्जन लोग बैठे हुए थे। अचानक तेज गरज और चमक के साथ बिजली गिरी, जिससे तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई और तीन गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में 22 वर्षीय मिथलेश राम, 60 वर्षीय श्रीभगवान उर्फ झोला सिंह (नरबतपुर निवासी) और 45 वर्षीय वीरेंद्र गोंड शामिल हैं। जबकि घायलों में 16 वर्षीय नीरज कुमार, 30 वर्षीय अमित चौधरी और 18 वर्षीय सोनू कुमार हैं।
इनमें से अधिकतर लोग मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते थे और घटना के समय गंगा किनारे अपने मवेशियों को चरा रहे थे। शोक संतप्त परिवारों की हालत बेहद खराब है और गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। थाना प्रभारी शम्भू भगत ने बताया कि तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और तीन घायल सदर अस्पताल में इलाजरत हैं।
राजपुर में मासूम की मौत, एक गंभीर
राजपुर थाना क्षेत्र के देवढीया गांव में वज्रपात से एक 11 वर्षीय बालक अंकुश कुमार (पिता- प्रेम जीवन राम) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अनंत राम नामक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया है। पीड़ित परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। इस घटना की पुष्टि राजपुर थाने की पुलिस ने की है। घायल व्यक्ति का इलाज अस्पताल में चल रहा है।
बगहा में बारिश बनी मौत का कारण
बगहा जिले के रामनगर प्रखंड स्थित मेघवल मठिया गांव में सोमवार को दोपहर बाद अचानक मौसम बदला और तेज बारिश के साथ बिजली गिरने लगी। गांव के पास एक बगीचे में कुछ युवक बारिश से बचने के लिए एक पेड़ के नीचे छिपे हुए थे। तभी वहां तेज गर्जना के साथ आकाशीय बिजली गिर गई, जिससे दो युवकों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए।
मृतकों की पहचान शहाबुद्दीन अंसारी और अफसर अंसारी के रूप में हुई है, जबकि घायल हुए युवकों में शमीम अंसारी, अजीम मियां और एक अन्य बच्चा शामिल हैं। शहाबुद्दीन और अफसर की मौके पर ही मौत हो गई थी। घायल युवकों ने बताया कि बिजली इतनी तेज थी कि पास का पेड़ पूरी तरह जल उठा और वे झुलस गए।
घायलों को इलाज के लिए रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां डॉ. सुजीत कुमार ने दो मौतों की पुष्टि की। इधर, प्रशासन शवों का पोस्टमार्टम करवाकर आपदा राहत कोष से पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की प्रक्रिया में जुट गया है।
रविवार को भी हुआ था हादसा
उल्लेखनीय है कि रविवार को भी चौसा प्रखंड के सोनपा पंचायत अंतर्गत पश्चिम डेरा गांव में एक किशोर की मौत हो गई थी। किसान रामशंकर यादव का 16 वर्षीय इकलौता पुत्र आकाश कुमार खेत के पास ही बिजली की चपेट में आ गया और घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। यह हादसा पूरे गांव के लिए गहरा सदमा साबित हुआ।
सरकार से राहत की मांग
लगातार हो रही वज्रपात की घटनाओं से लोग डरे हुए हैं। ग्रामीण इलाकों में लोग मौसम खराब होने पर घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने सरकार से मांग की है कि इस आपदा को गंभीरता से लेते हुए मृतकों के परिवारों को त्वरित मुआवजा और घायलों को समुचित इलाज की सुविधा दी जाए।
साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में वज्रपात अलर्ट सिस्टम को मजबूत करने की मांग की गई है, ताकि समय रहते लोगों को सतर्क किया जा सके और जानमाल की हानि से बचा जा सके।
निष्कर्ष
बिहार में मानसून की दस्तक के साथ ही वज्रपात जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी लोगों की जान पर बन आई हैं। बीते 24 घंटे में सात लोगों की मौत और कई के घायल होने की घटनाएं यह बताती हैं कि इस मौसम में विशेष सतर्कता जरूरी है। प्रशासन को जहां राहत पहुंचाने में तेजी लानी चाहिए, वहीं आम लोगों को भी मौसम विभाग के अलर्ट पर ध्यान देना चाहिए, ताकि इस तरह की दुखद घटनाओं से बचा जा सके।
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