सहरसा से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। जिले के धमसैनी वार्ड संख्या 46 निवासी 32 वर्षीय युवा वकील पंकज कुमार राम की गुरुवार की शाम करंट लगने से मौत हो गई। पंकज कुमार सहरसा सिविल कोर्ट में वकालत कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। बताया जा रहा है कि वह शाम के समय अपने घर के आँगन में पानी की मोटर में आई खराबी को ठीक कर रहे थे, तभी यह हादसा हो गया।
परिवार वालों के अनुसार, जैसे ही पंकज ने मोटर को छुआ, उसी समय उसमें बिजली प्रवाहित हो गई और वह करंट की चपेट में आ गए। आनन-फानन में परिजनों ने उन्हें इलाज के लिए सहरसा सदर अस्पताल पहुँचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें बचा नहीं सके। लगभग शाम साढ़े सात बजे उन्होंने अंतिम साँस ली।

इस घटना से मृतक के परिवार में कोहराम मच गया है। वहीं, पूरे मोहल्ले में भी शोक की लहर दौड़ गई है। पंकज अपने माता-पिता के सबसे बड़े पुत्र थे। उनके पिता का नाम चुल्लाह राम है। पंकज की उम्र महज 32 वर्ष थी और वह अपने पीछे पत्नी के साथ-साथ तीन मासूम बच्चों को छोड़ गए हैं। उनकी सबसे बड़ी बेटी की उम्र 8 साल है, जबकि दो बेटे क्रमशः 6 और 4 वर्ष के हैं।
परिवारवालों के मुताबिक, पंकज ही परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे। उनकी असामयिक मौत से ना सिर्फ परिवार पर भावनात्मक बल्कि आर्थिक संकट भी गहरा गया है। उनकी पत्नी पर अब बच्चों की परवरिश और घर की सारी जिम्मेदारियाँ आ गई हैं।
स्थानीय लोगों ने इस दुर्घटना को लेकर प्रशासन से तत्काल आर्थिक सहायता की माँग की है। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि पंकज एक सरल स्वभाव के व्यक्ति थे, जो हमेशा सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे। उनकी अकाल मृत्यु से पूरा मोहल्ला शोकाकुल है।
वहीं, वकील समुदाय में भी इस घटना को लेकर भारी शोक व्याप्त है। सहरसा सिविल कोर्ट में कार्यरत उनके सहयोगी वकीलों ने शुक्रवार को शोक सभा आयोजित की और दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी। वकीलों ने भी प्रशासन से परिवार को समुचित मुआवजा देने और बच्चों की शिक्षा व भरण-पोषण के लिए सहायता की माँग की है।
वकील संघ के अध्यक्ष ने कहा कि “पंकज एक होनहार और मेहनती अधिवक्ता थे। उनकी असमय मौत हम सभी के लिए एक गहरी क्षति है। ऐसे हादसे कभी भी किसी भी परिवार को झकझोर सकते हैं। हम प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि इस परिवार को आर्थिक और सामाजिक सहयोग तत्काल उपलब्ध कराया जाए।”
धमसैनी पंचायत के मुखिया और अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी पीड़ित परिवार से मिलकर संवेदना जताई है और मदद का आश्वासन दिया है। प्रशासनिक अधिकारियों को भी इस घटना की जानकारी दी गई है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इलाके में बिजली से जुड़े उपकरणों और वायरिंग की स्थिति ठीक नहीं है, जिस वजह से ऐसी घटनाएँ होती रहती हैं। उन्होंने प्रशासन से यह भी माँग की कि बिजली व्यवस्था की जाँच करवाई जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आम नागरिकों के घरों में बिजली सुरक्षा को लेकर जागरूकता और सावधानी कितनी जरूरी है। साथ ही, ऐसे असहाय परिवारों के लिए सरकार को त्वरित राहत देने की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाना चाहिए।
पंकज कुमार राम की अंतिम यात्रा शुक्रवार सुबह भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति में निकाली गई। नम आँखों से मोहल्ले के लोगों और रिश्तेदारों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। तीन छोटे-छोटे बच्चों के चेहरों पर छाया डर और माँ के आँसुओं ने हर किसी को भावुक कर दिया।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन और सरकार इस शोकसंतप्त परिवार की मदद के लिए आगे आते हैं या नहीं।
अपना बिहार झारखंड पर और भी खबरें देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
सहरसा किलकारी बाल भवन में 3 से 22 जून तक रचनात्मक छुट्टियों का आयोजन