भागलपुर 04 नवम्बर 2024:- श्रम संसाधन विभाग,बिहार तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग,बिहार के सौजन्य से श्रम संसाधन विभाग की भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत भवन, सड़क, बांध, पुल-पुलिया निर्माण से जुड़े सभी प्रकार के श्रमिकों, जिनमें राजमिस्त्री, रेजा, बढ़ई, लोहार, बिजली मिस्त्री, टाइल्स मिस्त्री, प्लम्बर, बोल्डर, ढलाई मशीन से जुड़े कर्मी एवं चालक, रोलर, डोजर, डंफर चालक सहित अन्य संबंधित मजदूरों, को 16 प्रकार की योजनाओं के लाभ प्रदान वाली योजना के प्रचार प्रसार के लिए भागलपुर रेलवे स्टेशन घंटाघर चौक पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया।


कला कुंज बिहार के कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक गीत एवं संगीत के माध्यम से लोगों को बताया गया कि योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु 18 वर्ष से 60 वर्ष तक के संबंधित मजदूरों का लेबर कार्ड ऑनलाइन बनाया जाता है। किसी भी वसुधा केंद्र/ ग्राहक सेवा केंद्र पर 50 रुपए में 5 वर्षों के लिए मजदूरों का ऑनलाइन निबंधन हो जाता है।


लेबर कार्ड बन जाने पर मजदूर को औजार खरीदने के लिए 15000 रुपए, घर मरम्मती के लिए 20000 रुपए, साइकिल क्रय करने के लिए 3500 रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है। दो बालिक पुत्री की शादी के लिए 50-50 हजार रूपए, मजदूर की स्वाभाविक मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए, दुर्घटना से मृत्यु होने पर 4 लाख रुपए उनके आश्रित को प्रदान किया जाता है। 60 वर्ष की उम्र पूरा होने के बाद निबंधित मजदूर को प्रतिमाह 1000 रुपए का पेंशन एवं पेंशनधारी मजदूर के मृत्यु के उपरांत उनके जीवित पत्नी को 500 रुपए प्रतिमह पेंशन, महिला मजदूर को मातृत्व लाभ के रूप में गर्भावस्था की स्थिति में 3 महीने का मजदूरी के समतुल्य राशि लगभग 37 हजार रूपए, निबंधित मजदूर के बेटा- बेटी की पढ़ाई के लिए,

नामांकन के लिए सहायता राशि, प्रथम श्रेणी से मैट्रिक उत्तीर्ण करने पर 10 हजार रूपए, 70 से 80% अंक प्राप्त करने पर 15 हजार रुपए, 80% से अधिक अंक प्राप्त करने पर 25 हजार रुपए प्रदान किए जाते हैं। जो शिक्षा विभाग की देय राशि के अतिरिक्त दिया जाता है। निबंधित मजदूर के आंशिक रूप से विकलांग होने पर विकलांगता पेंशन 5000 प्रति माह दिया जाता है।


गौरतलब है कि प्रत्येक 5 वर्ष पर लेबर कार्ड का नवीकरण करना अनिवार्य है। जिस पर 30 रुपए मात्र लगता है। यह निबंध श्रम संसाधन विभाग के पोर्टल https:// blrd.skillmission.bihar.org पर किया जाता है।
ऑनलाइन निबंधन के लिए मजदूर का आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज का दो फोटो, आधार से लिंक मोबाइल नंबर एवं 90 दिनों तक कार्य करने का स्वघोषणा पत्र आवश्यक है। ऑनलाइन निबंधन हो जाने पर पोर्टल से ही लेबर कार्ड निर्गत हो जाता है। प्रत्येक प्रखंड में श्रम परिवर्तन पदाधिकारी इसके निबंधन पदाधिकारी होते हैं। निबंधन जिस प्रखंड में होगा, लाभ भी उसी प्रखंड से प्राप्त होगा। साथ ही विशेष जानकारी श्रम परिवर्तन पदाधिकारी से भी प्राप्त की जा सकती है।


कलाकारों द्वारा बाल श्रम उन्मूलन पर भी नाटक की प्रस्तुति दी गई। बताया गया कि 14 वर्ष तक के बच्चों से किसी भी प्रकार का कार्य करवाना तथा 14 से 18 वर्ष तक के बच्चों से खतरनाक उपक्रमों में कार्य करना प्रतिबंधित है। माता- पिता या अभिभावक के साथ बच्चे कार्य में सहयोग के रूप में रह सकते हैं।
इस मौके पर उपस्थित श्रम अधीक्षक, भागलपुर श्री कुमार नलिनी कांत द्वारा बताया गया कि अन्य सभी मजदूर की स्वाभाविक मृत्यु पर 2 लाख रुपए बिहार शताब्दी योजना के अंतर्गत प्रदान किया जाता है। यह लाभ प्रदान करने के लिए निबंधन की आवश्यकता नहीं है। इसका आवेदन ऑनलाइन भी किया जा सकता है या संबंधित प्रखंड के श्रम परिवर्तन पदाधिकारी से संपर्क कर यह लाभ प्राप्त किया जा सकता है।


साथ ही बिहार प्रवासी मजदूर दुर्घटना योजना के अंतर्गत राज्य के बाहर काम करने वाले दुर्घटना से मृतक मजदूर को वहां से लाने की जिम्मेदारी श्रम संसाधन विभाग की है साथ ही उन्हें 02 लाख रुपए का सहायता राशि प्रदान की जाती है।
बिहार प्रवासी मजदूर दुर्घटना योजना के अंतर्गत सहायता केवल विशेष दुर्घटनाओं के लिए ही दी जाती है। जिन दुर्घटनाओं के लिए सहायता मिलती है वे हैं: सड़क या रेल दुर्घटनाएं, प्राकृतिक आपदाएं,आतंकवादी हमले या आपराधिक हमले, बिजली के झटके, पेड़ या भवन गिरना, जानवरों के हमले, विद्युत स्पर्श घात एवं सर्पदंश।


यदि मज़दूर की निम्नलिखित कारणों अथवा परिस्थितियों में मृत्यु या किसी प्रकार की क्षति होती है तो उन्हें इस योजना के तहत सहायता अनुदान नहीं प्राप्त होगा। निजी झगड़ों में लगा चोट, आत्महत्या,नशे की हालत में हुई दुर्घटना एवम् आपराधिक गतिविधियों में हुए क्षति या मृत्यु
अनुदान राशि दुर्घटना से मृत्यु की स्थिति में 2,00,000 (दो लाख रुपये) स्थायी पूर्ण अपंगता की स्थिति में₹ 1,00,000 (एक लाख रुपये)स्थायी आंशिक अपंगता की स्थिति में 50,000 (पचास हजार रुपये) सीधे मजदूर के बैंक खाते और मृत्यु के स्थिति में उसके वैध आश्रित के बैंक खाते में भेजी जाती है।
मौके पर उपस्थित संयुक्त निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता द्वारा भी उपरोक्त योजनाओं के संबंध में जानकारी दी गई।

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