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बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। राज्य सतर्कता अन्वेषण ब्यूरो ने रोहतास जिले के बिक्रमगंज प्रखंड कार्यालय में छापेमारी कर रिश्वत लेते रंगेहाथ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और लेखापाल को गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर एक शिक्षक से अवैध रूप से पैसे मांगने का आरोप था।

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**शिकायत से गिरफ्तारी तक की पूरी कहानी**
यह कार्रवाई आदर्श मध्य विद्यालय, गोटपा के शिक्षक विद्याभूषण की शिकायत पर की गई। शिक्षक ने 28 मई को सतर्कता ब्यूरो को एक लिखित शिकायत सौंपी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि बीईओ और प्रखंड कार्यालय के लेखापाल सुभाष कुमार ने उनसे प्रोत्साहन योजना की राशि के एवज में रिश्वत की मांग की थी।

शिक्षक के अनुसार, बीईओ ने हर लाभार्थी शिक्षक से ₹10,000 और लेखापाल ने ₹7,500 की मांग की थी। शिकायत मिलते ही सतर्कता विभाग ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल प्राथमिक सत्यापन शुरू किया। जांच में शिकायत को सही पाया गया, जिसके बाद एक विशेष टीम का गठन कर जाल बिछाया गया।

**रंगेहाथ दबोचा गया BEO**
बुधवार को निगरानी विभाग की टीम ने बिक्रमगंज प्रखंड कार्यालय में योजनाबद्ध तरीके से ऑपरेशन को अंजाम दिया। शिक्षक विद्याभूषण ने जैसे ही बीईओ को तय रिश्वत राशि ₹7,600 सौंपी, टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें रंगेहाथ पकड़ लिया। साथ ही लेखापाल को भी हिरासत में ले लिया गया। दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए निगरानी कार्यालय लाया गया है।

**DSP ने दी जानकारी**
निगरानी विभाग के पुलिस उपाधीक्षक श्याम बाबू प्रसाद ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया,

> “शिक्षक से रिश्वत मांगने की शिकायत की गई थी। मामले की जांच में पुष्टि होने के बाद कार्रवाई की गई। जैसे ही BEO रिश्वत ले रहे थे, उन्हें रंगेहाथ पकड़ लिया गया। इस संबंध में अन्य प्राप्त शिकायतों की भी गहन जांच की जाएगी।”

**ब्यूरो की सक्रियता और भ्रष्टाचार के खिलाफ संदेश**
बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी ब्यूरो लगातार सक्रिय है। हाल के दिनों में कई घूसखोर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। यह ताजा मामला भी साबित करता है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

**स्थानीय लोगों में सराहना**
इस कार्रवाई के बाद स्थानीय शिक्षकों और आम लोगों में निगरानी विभाग की सराहना हो रही है। लोगों का कहना है कि इससे न केवल पीड़ितों को न्याय मिला है, बल्कि अन्य भ्रष्ट अधिकारियों को भी एक सख्त संदेश गया है।

**निष्कर्ष**
बिहार में शिक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भी भ्रष्टाचार के मामलों का सामने आना चिंताजनक है। लेकिन निगरानी विभाग की तत्परता और त्वरित कार्रवाई यह दिखाती है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है। आने वाले दिनों में ऐसी और भी कार्रवाइयों की उम्मीद जताई जा रही है।

 

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By admin

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