मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले का गांव अंबाड़ा एक अनोखी घटना को लेकर काफी चर्चा में आया है। यहां के लोगों ने एक लंगूर की मौत के बाद ग्रामीणों ने पूरे रीति रिवाज़ के साथ अंतिम संस्कार किया। इसके बाद गांव वालों ने 10वीं पर भंडारे का आयोजन किया। 15 युवाओं ने मुंडन करवाया। इस मौके पर भंडारे का आयोजन और अन्न दान का आयोजन भी किया गया।
ग्रामीणों के अनुसार यह लंगूर गांव में काफी सालों से रह रहा था। उसकी उम्र ज्यादा हो चुकी थी। आकस्मिक मौत के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दिखी थी। कहा जा रहा है कि लंगूर की मौत के बाद गांव वालों ने संयुक्त तौर पर बैठक कर फैसला लिया था।
मौत के बाद ग्रामीणों की ओर से उसी रात लंगूर की अर्थी पूरे गांव में निकाली गई थी। जिसके बाद उसके शव को श्मशान घाट ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया। इतने सालों में लंगूर किसी को कोई नुक्सान नहीं पहुंचाया।
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मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले का गांव अंबाड़ा एक अनोखी घटना को लेकर काफी चर्चा में आया है। यहां के लोगों ने एक लंगूर की मौत के बाद ग्रामीणों ने पूरे रीति रिवाज़ के साथ अंतिम संस्कार किया। इसके बाद गांव वालों ने 10वीं पर भंडारे का आयोजन किया। 15 युवाओं ने मुंडन करवाया। इस मौके पर भंडारे का आयोजन और अन्न दान का आयोजन भी किया गया।
ग्रामीणों के अनुसार यह लंगूर गांव में काफी सालों से रह रहा था। उसकी उम्र ज्यादा हो चुकी थी। आकस्मिक मौत के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दिखी थी। कहा जा रहा है कि लंगूर की मौत के बाद गांव वालों ने संयुक्त तौर पर बैठक कर फैसला लिया था।
मौत के बाद ग्रामीणों की ओर से उसी रात लंगूर की अर्थी पूरे गांव में निकाली गई थी। जिसके बाद उसके शव को श्मशान घाट ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया। इतने सालों में लंगूर किसी को कोई नुक्सान नहीं पहुंचाया।