13 जिलों में एक और वन स्टॉप सेंटर खोला जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इसके लिए 48.69 लाख रुपये प्रति वन स्टॉप सेंटर के लिए जिलों को दिया है।

अब तक केवल पटना जिले में ही दो वन स्टॉप सेंटर था, लेकिन अब राज्य के 13 जिलों में वन स्टॉप सेंटर खोला जाएगा। बता दें कि इन जिलों में घरेलू हिंसा से संबंधित मामले ज्यादा हो रहे हैं। इसको देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अभी 13 जिलों में 11 का चयन किया गया है। अभी दो और जिलों का नाम निर्धारित नहीं किया गया है। अभी सभी 11 जिलों को मिलाकर 1,83,46,857 रुपये दिये गये हैं। इससे वन स्टॉप सेंटर के अंदर दी जाने वाले तमाम सुविधाओं का इंतजाम किया जाएगा।

राज्य के सभी जिलों के वन स्टॉप सेंटर का मंत्रालय की ओर से नियमित जांच की जाएगी। हर जिले में जिला पदाधिकारी के नेतृत्व में वन स्टॉप सेंटर का संचालन किया जाता है, इसमें काउंसलर के साथ इलाज के लिए डॉक्टर और नर्सिंग स्टॉफ भी होते हैं। हर वन स्टॉप सेंटर पर 13 लोगों की टीम होती है। इसमें केन्द्र प्रशासक से लेकर सुरक्षा और रात्रि प्रहरी तक शामिल है। हर पीड़िता का विवरण कंप्यूटर पर रखा जाता है। जिससे भविष्य में किसी तरह की दिक्कत ना हो। सारी जानकारी ऑनलाइन रखी जाती है।

रहने व इलाज तक का इंतजाम

पीड़िता को उनके गृह जिले के ही वन स्टॉप सेंटर पर सारी सुविधाएं मिलेंगी, इसके लिए हर जिले में वन स्टॉप सेंटर खोला गया है।

जिन जिलों में मांग की गयी है वहीं पर एक और वन स्टॉप सेंटर खुलने की तैयारी है। सेंटर पर रहने से लेकर इलाज तक की व्यवस्था रहती है, जिससे पीड़िता को जल्द से जल्द ठीक किया जा सके।

इन जिलों में खुलेगा वन स्टॉप सेंटर

अरवल, औरंगाबाद, सारण, सुपौल, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, सीतामढ़ी, शेखपुरा, नावादा, शिवहर और मुंगेर में वन स्टॉप सेंटर खोला जाएगा।

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