बिहार की राजनीति इन दिनों एक अलग ही मोड़ पर नजर आ रही है, और इसकी वजह बना है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार का एक वीडियो, जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में निशांत पटना के जिलाधिकारी त्यागराजन एस.एम. के पैर छूते नजर आ रहे हैं। यह दृश्य शनिवार को बख्तियारपुर में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान का है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बख्तियारपुर के सीढ़ी घाट और गंगा नदी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे। इस अवसर से पहले ही उनके बेटे निशांत कुमार कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे। जैसे ही उनकी नजर पटना डीएम त्यागराजन एस.एम. पर पड़ी, उन्होंने आगे बढ़कर विनम्रता से उनके पैर छू लिए। यह दृश्य वहां मौजूद कैमरों में कैद हो गया और कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
इस घटना को लेकर आम जनता से लेकर राजनीतिक विश्लेषकों तक की नजरें अब निशांत कुमार पर टिकी हैं। खासकर इसलिए क्योंकि उन्होंने अब तक राजनीति से दूरी बनाए रखी है। हालांकि इस तरह की सार्वजनिक मौजूदगी ने राजनीतिक अटकलों को हवा दे दी है। क्या निशांत अब राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएंगे? यह सवाल अब चर्चा का केंद्र बन चुका है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मौके पर बख्तियारपुर में कई अहम परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें सीढ़ी घाट, मैरीन ड्राइव, और पैदल पथ जैसी सुविधाएं शामिल थीं। उन्होंने इन परियोजनाओं को आम लोगों के लिए सुरक्षित और सुगम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। साथ ही जल संसाधन विभाग द्वारा गंगा पुनर्जीवन की चल रही परियोजनाओं की समीक्षा भी की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि घनशुकपुर से रानीसराय तक गंगा की जलधारा को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
इस बीच, जेडीयू के भीतर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं कि निशांत कुमार पार्टी की कमान संभाल सकते हैं। पार्टी के वरिष्ठ विधायक विनय चौधरी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि कार्यकर्ताओं की भावना है कि अब समय आ गया है कि निशांत नेतृत्व संभालें। उन्होंने कहा, “यह समय की मांग है और पार्टी के लिए एक नई ऊर्जा का संकेत हो सकता है।”
गौरतलब है कि निशांत कुमार एक शांत और निजी जीवन जीते रहे हैं। उन्होंने सार्वजनिक रूप से राजनीति में रुचि नहीं दिखाई है, लेकिन हाल की गतिविधियां और पार्टी के भीतर मिल रहा समर्थन इस ओर संकेत कर रहा है कि जल्द ही वे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
अब सभी की निगाहें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हैं। क्या वे अपने बेटे को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाएंगे? या निशांत अपने तरीके से एक नई राजनीतिक शुरुआत करेंगे? इन सवालों के जवाब आने वाले समय में मिल सकते हैं। लेकिन इतना तय है कि बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय खुलने वाला है।
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