सहरसा जिले में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार की रात जिले में रफ्तार ने तीन जिंदगियों को लील लिया। दो अलग-अलग स्थानों पर हुई दर्दनाक सड़क दुर्घटनाओं ने न सिर्फ परिवारों को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है। हादसे के बाद स्थानीय लोग जहां आक्रोशित हैं, वहीं पीड़ित परिवारों में कोहराम मचा है।
पहली घटना सहरसा जिले के बैजनाथपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत तिलावय पुल के पास की है। यहां देर रात करीब सवा दस बजे एक अज्ञात वाहन ने बाइक सवार को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान सिमरी बख्तियारपुर के मोहनपुर गांव निवासी संतोष कुमार शाह के रूप में की गई है।
बताया जा रहा है कि संतोष किसी काम से सहरसा गए हुए थे और रात में बाइक से अपने घर लौट रहे थे। जैसे ही वे बैजनाथपुर तिलावय पुल के पास पहुंचे, तेज रफ्तार से आ रही एक अज्ञात गाड़ी ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी। हादसे के बाद वाहन चालक वाहन समेत मौके से फरार हो गया। संतोष की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सहरसा सदर अस्पताल भेज दिया। मृतक के बड़े भाई किशोर कुमार शाह ने बताया कि संतोष तीन छोटे बच्चों के पिता थे और पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर थी। उनके असामयिक निधन से पूरा परिवार टूट गया है।
वहीं, दूसरी दर्दनाक घटना सहरसा-मुरली मोड़ मुख्य मार्ग पर बलुआहा चौक के पास हुई। यह हादसा रात करीब 11 बजे के आसपास हुआ। यहां दो युवक – रौशन और उसका एक साथी – जो बलुआहा से अपने गांव की ओर बाइक से लौट रहे थे, उन्हें एक तेज रफ्तार ट्रक ने सीधी टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक पर सवार दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रक बहुत तेज रफ्तार में था और सामने से आ रही बाइक को देख चालक ने नियंत्रण नहीं खोया बल्कि सीधा टक्कर मार दी। हादसे के बाद ट्रक तो घटनास्थल पर ही मौजूद रहा, लेकिन चालक मौके से फरार हो गया। मृतकों की पहचान रौशन और उसके साथी के रूप में हुई है, हालांकि दूसरे मृतक की विस्तृत जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है। यह जानकारी रौशन के चाचा प्रभाष ने दी।
स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। ट्रक को भी जब्त कर लिया गया है और चालक की तलाश की जा रही है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और मामले की छानबीन कर रही है।
दोनों घटनाओं ने जिले में शोक की लहर फैला दी है। मृतकों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। संतोष की पत्नी और बच्चों की हालत बेहद चिंताजनक है, जबकि रौशन के घर में भी मातम पसरा हुआ है।
स्थानीय लोगों में इन लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर गुस्सा है। लोगों का कहना है कि जिले में यातायात व्यवस्था लचर है और तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों पर कोई नियंत्रण नहीं है। साथ ही, रात में पुलिस की गश्ती व्यवस्था भी सुस्त पड़ी हुई है, जिसका फायदा उठाकर ऐसे हादसे होते हैं।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि ट्रक चालक और अन्य दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए और पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाए। साथ ही, सड़कों पर गति सीमा का कड़ाई से पालन कराया जाए और ट्रैफिक पुलिस की तैनाती बढ़ाई जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
सहरसा में बढ़ते सड़क हादसे एक गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इन घटनाओं से क्या सबक लेता है और क्या कोई ठोस कदम उठाया जाता है या नहीं। फिलहाल जिले में गम और गुस्से का माहौल है, और तीन परिवारों की खुशियां हमेशा के लिए खामोश हो गई हैं।
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