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बिहार में सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर आज राजधानी पटना की सड़कों पर हजारों छात्रों ने महा आंदोलन किया। यह प्रदर्शन पटना कॉलेज से शुरू होकर गांधी मैदान होते हुए बेली रोड के रास्ते मुख्यमंत्री आवास तक जाने की योजना के तहत आयोजित किया गया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मुख्य मांग है कि राज्य सरकार बिहार में **डोमिसाइल नीति** (स्थानीय निवास प्रमाण आधारित आरक्षण) को तत्काल प्रभाव से लागू करे।

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छात्रों का कहना है कि बिहार में बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियां निकल रही हैं, लेकिन **स्थानीय आरक्षण नीति नहीं होने के कारण** दूसरे राज्यों के युवा इन नौकरियों पर कब्जा कर ले रहे हैं। छात्र नेता **दिलीप कुमार** ने कहा, “राज्य सरकार की भर्ती प्रक्रिया सराहनीय है, लेकिन बिना डोमिसाइल नीति के, बिहार के युवाओं का हक मारा जा रहा है। हमारी मांग है कि सरकारी नौकरियों में 90% सीटें बिहार के युवाओं के लिए आरक्षित की जाएं और शेष 10% मेरिट आधार पर ओपन रखी जाएं।”

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि **अप्रत्यक्ष डोमिसाइल** लागू किया जाए, जिसके अंतर्गत प्रतियोगी परीक्षाओं में **100-150 अंकों के बिहार से संबंधित प्रश्न** पूछे जाएं, ताकि राज्य के युवाओं को लाभ मिले। उन्होंने उदाहरण दिया कि झारखंड, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में ऐसी नीतियां पहले से लागू हैं।

छात्रों ने नारा दिया: **”वोट दे बिहारी, नौकरी ले बाहरी!”**
इस नारे के साथ छात्रों ने नाराजगी जाहिर की कि **बिहार के युवा तो सरकार चुनते हैं, लेकिन जब नौकरी देने की बारी आती है तो बाहरी लोगों को नौकरी मिल जाती है।**

दिलीप कुमार ने राजनीतिक दलों पर भी आरोप लगाया कि विपक्ष में रहते हुए सभी दल डोमिसाइल नीति की वकालत करते हैं, लेकिन सत्ता में आते ही इस मुद्दे को भूल जाते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने छात्रों की आवाज नहीं सुनी, तो राज्यभर में और बड़ा आंदोलन होगा।

**डोमिसाइल सर्टिफिकेट क्या है?**
डोमिसाइल सर्टिफिकेट एक ऐसा दस्तावेज है जो यह साबित करता है कि व्यक्ति एक खास राज्य का स्थायी निवासी है। यह प्रमाणपत्र कई राज्यों में सरकारी नौकरियों, शिक्षा और अन्य लाभों के लिए जरूरी होता है। बिहार में इसकी अनुपस्थिति का नुकसान यहां के युवाओं को हो रहा है।

**छात्रों की प्रमुख मांगें:**

* प्राइमरी एजुकेशन में 100% डोमिसाइल आरक्षण लागू किया जाए।
* सभी सरकारी नौकरियों में 90% सीटों पर बिहार के निवासियों को प्राथमिकता मिले।
* प्रतियोगी परीक्षाओं में बिहार से संबंधित प्रश्नों का समावेश किया जाए।
* चौथे चरण की शिक्षक बहाली और लाइब्रेरियन नियुक्ति सहित सभी भर्तियों में डोमिसाइल अनिवार्य हो।

इस आंदोलन ने राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है कि वह युवाओं की इस मांग को गंभीरता से ले और डोमिसाइल नीति पर जल्द कोई ठोस कदम उठाए। छात्रों ने साफ किया है कि यह आंदोलन उनके भविष्य की लड़ाई है और वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।

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