बिहार के भागलपुर जिले से एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। नवगछिया अनुमंडल क्षेत्र के लत्तीपुर गांव में मंगलवार की रात कुछ बदमाशों ने एक युवक को उसके ही घर से बुलाकर गोली मार दी। इस हमले में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया है और उसका इलाज भागलपुर के मायागंज अस्पताल में चल रहा है। घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है, वहीं पीड़ित परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
घटना लत्तीपुर गांव की है, जहां गांव के ही रहने वाले सौरभ कुमार ने दिवाकर नामक युवक को देर शाम उसके घर से आवाज देकर बाहर बुलाया। दिवाकर के मुताबिक, सौरभ ने दरवाजे पर आकर गेट खटखटाया और कहा, “बाहर आओ, तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है।” दिवाकर जैसे ही बाहर आया, सौरभ ने बिना कुछ बोले सीने पर गोली चला दी। गोली चलाने के बाद सौरभ और उसके साथ मौजूद अन्य चार लोगों ने दो राउंड और फायरिंग की और मौके से फरार हो गए।
घटना के तुरंत बाद परिजनों ने आनन-फानन में दिवाकर को पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया। वर्तमान में दिवाकर मायागंज अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती है और डॉक्टरों की एक टीम उसका इलाज कर रही है।
घायल दिवाकर ने अस्पताल में मीडिया से बात करते हुए बताया, “सौरभ से मेरा कोई झगड़ा या दुश्मनी नहीं थी। ना पहले कोई कहासुनी हुई, ना किसी तरह का विवाद। वह बस आया, दरवाजा खटखटाया और जैसे ही मैं निकला, उसने सीने में गोली मार दी। उसके साथ चार और लोग थे, लेकिन मैं उन्हें पहचानता नहीं हूं।”
दिवाकर ने यह भी बताया कि घटना के एक दिन पहले उसका अपने छोटे भाई से किसी बात पर मामूली कहासुनी हुई थी, लेकिन उसका सौरभ या किसी बाहरी व्यक्ति से कोई लेना-देना नहीं था। ऐसे में यह हमला पूरी तरह सुनियोजित प्रतीत होता है, जिसे अंजाम देने के पीछे कोई गहरी साजिश हो सकती है।
घटना की जानकारी मिलते ही नवगछिया थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस को शक है कि आरोपी सौरभ का संबंध आपराधिक गतिविधियों से है और वह पहले भी कई बार लूटपाट और मारपीट की घटनाओं में संलिप्त रहा है। गांव वालों के मुताबिक, सौरभ लंबे समय से अपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति रहा है, लेकिन स्थानीय स्तर पर उसके खिलाफ कभी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई।
फिलहाल पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपियों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष ने बताया कि “घायल युवक के बयान के आधार पर हम आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। गांव के कुछ लोगों से पूछताछ की गई है और जल्द ही सौरभ और उसके साथियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।”
इस पूरे मामले के बाद दिवाकर के परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों का कहना है कि दिवाकर की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी, वह एक सीधा-सादा लड़का था और अचानक हुई इस वारदात से पूरा परिवार सदमे में है। गांव के अन्य लोग भी इस घटना से स्तब्ध हैं और मांग कर रहे हैं कि पुलिस सख्त कार्रवाई करे ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
पुलिस ने गांव के आसपास के इलाकों में चौकसी बढ़ा दी है और संदिग्धों पर निगरानी रखी जा रही है। वहीं, अस्पताल में डॉक्टरों की टीम दिवाकर की हालत पर लगातार नजर बनाए हुए है। फिलहाल उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि अगर अगले 24 घंटे वह स्थिर रहता है तो खतरे से बाहर आ सकता है।
यह घटना एक बार फिर सवाल खड़ा करती है कि आखिर गांवों में अपराधी इतने बेखौफ कैसे हो गए हैं कि किसी को भी घर से बुलाकर गोली मार सकते हैं? प्रशासन और पुलिस पर भी इस घटना के बाद कई सवाल उठे हैं, जिनका जवाब देना जरूरी है।
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