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नवगछिया।
शादी के नाम पर ठगी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला नवगछिया पुलिस जिला के गोपालपुर थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां दो युवकों को शादी का झांसा देकर 2 लाख 35 हजार रुपये की ठगी की गई। इस ठगी की शिकार युवक राजस्थान के निवासी हैं। मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान गोपालपुर थाना क्षेत्र के अजीमाबाद गांव निवासी अंजनी कुमार और भागलपुर जिले के सबौर थाना क्षेत्र के टिकारी गांव निवासी प्रमोद कुमार मंडल के रूप में हुई है।

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इस संबंध में नवगछिया एसडीपीओ नीरज कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर मामले की पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजस्थान के दौसा जिले के बहरावंडा थाना क्षेत्र के दो युवक, सुभाष मीणा और पिंटू मीणा, शादी के लिए लड़की की तलाश कर रहे थे। इसी दौरान एक व्यक्ति से उनकी बातचीत हुई, जिसने बिहार के नवगछिया में एक योग्य लड़की होने की जानकारी दी और विवाह की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की बात कही।

आरोपियों ने खुद को लड़की के परिजन बताते हुए युवकों से संपर्क किया और उनसे शादी के नाम पर पैसे की मांग की। पहले तो छोटे-छोटे खर्चों के नाम पर पैसे लिए गए और फिर लड़की के विवाह के लिए कपड़ा, गहना, रस्मों आदि के बहाने बड़ी रकम ऐंठ ली गई। धीरे-धीरे युवकों से कुल ₹2.35 लाख की ठगी कर ली गई।

एसडीपीओ ने बताया कि युवकों को नवगछिया बुलाकर एक घर में रुकवाया गया था। वहीं एक युवती को उनके सामने पेश किया गया और उससे बातचीत करवाई गई, जिससे उन्हें भरोसा हो गया कि शादी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए, शादी की तारीख आगे बढ़ती रही और संदेह गहराता गया।

बाद में जब युवकों ने दबाव बनाया तो आरोपियों ने बहानेबाजी शुरू कर दी। आखिरकार युवकों को समझ आ गया कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं। इसके बाद उन्होंने गोपालपुर थाने में जाकर प्राथमिकी दर्ज करवाई।

शिकायत मिलते ही गोपालपुर थाना अध्यक्ष अभिनव कुमार और उनकी टीम ने त्वरित कार्रवाई शुरू की और तकनीकी सहयोग लेते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं और यह भी पता चला है कि ये लोग पहले भी इस तरह की घटनाओं में शामिल रहे हैं।

एसडीपीओ नीरज कुमार ने बताया कि इस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। जिस युवती को लड़कों से मिलवाया गया था, वह भी इस गिरोह की सदस्य हो सकती है। पुलिस इस गिरोह के सभी सदस्यों को चिह्नित करने के लिए तकनीकी जांच और पूछताछ कर रही है।

उन्होंने बताया कि इस गिरोह का नेटवर्क बिहार के अलावा राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हो सकता है। यह एक संगठित गिरोह की तरह काम करता है जो युवाओं को शादी का झांसा देकर पैसे ठगता है।

एसडीपीओ ने कहा कि पुलिस गंभीरता से इस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही इस पूरे नेटवर्क का खुलासा कर दिया जाएगा। उन्होंने आम जनता से अपील की कि शादी के लिए ऑनलाइन या अनजान माध्यमों से संपर्क करने से पहले पूरी जानकारी लें और सतर्क रहें।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में दोनों आरोपी न्यायिक हिरासत में भेज दिए गए हैं और आगे की पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड की मांग कर सकती है। इस मामले में अन्य संभावित पीड़ितों की भी तलाश की जा रही है। अगर कोई और व्यक्ति इस गिरोह के चंगुल में फंसा है तो वे पुलिस से संपर्क कर सकते हैं।

यह घटना न केवल एक ठगी की कहानी है बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे शादी जैसे पवित्र रिश्ते का नाम लेकर लोगों को फंसाया जा रहा है। आधुनिक समय में जहां तकनीक ने जीवन को आसान बनाया है, वहीं इसका दुरुपयोग कर कुछ लोग दूसरों की मेहनत की कमाई पर डाका डालने में लगे हैं।

पुलिस प्रशासन ने इस सफल कार्रवाई के लिए गोपालपुर थाना की टीम को बधाई दी है और जनता से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तत्काल पुलिस को दें ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सतर्कता और सजगता ही ठगी से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए समाज को भी जागरूक होना पड़ेगा और प्रशासन के साथ सहयोग करना होगा।

 

 

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